लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो कई मायनों में खास रहेगा। इस बार विधानसभा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से लैस होगी। इसके लिए विधायकों का विशेष प्रशिक्षण कराया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि यूपी की हर विधानसभा का अपना डैशबोर्ड तैयार किया जाएगा, जो जनता के लिए सूचनाओं का बड़ा बैंक होगा।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आईएएनएस विशेष बातचीत में कहा, एआई तकनीक को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है। अगले चरण में विधानसभा से संबंधित सभी डेटा एकत्र कर, प्रत्येक विधानसभा के अनुसार डैशबोर्ड बनाया जाएगा। इसमें विभागीय सूचनाओं से लेकर जनता से जुड़ी जानकारियां शामिल होंगी। समाज के हर वर्ग की स्थिति का आकलन भी इसमें होगा। अभी यह शुरुआत है, आगे इसका बहुत व्यापक रूप सामने आएगा।
उन्होंने कहा कि एआई-आधारित डैशबोर्ड में विभिन्न विषयों का डेटा होगा। अगले सत्र से सदन में एआई कैमरा लगेगा, जिससे विधायक की उपस्थिति और उनके भाषण के बारे में पता चलेगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि यूपी विधानसभा जल्द ही अपना पॉडकास्ट भी शुरू करेगी, जिसकी तैयारी चल रही है। महाना ने बताया कि जो विधायक इसमें रुचि रखेंगे, उनके साथ साक्षात्कार किया जाएगा और यह सामग्री उनके क्षेत्र की जनता तक पहुंचाई जाएगी।
विजन 2047 पर 24 घंटे के विशेष चर्चा सत्र कार्यक्रम की जानकारी देते हुए महाना ने बताया कि 11 और 12 अगस्त को विधानसभा की कार्यवाही चलेगी, जबकि 13 अगस्त को 2047 में यूपी का विजन डॉक्यूमेंट कैसा हो विषय पर 24 घंटे से अधिक समय तक विशेष चर्चा होगी। इसमें सदस्यों के सुझाव भी शामिल किए जाएंगे, ताकि यूपी का एक सशक्त रोडमैप तैयार हो सके।
विधानसभा अध्यक्ष महाना ने बताया कि इस सत्र में विधायकों को चिप वाले पास दिए जाएंगे, जिससे उन्हें अधिक सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सदन की कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव आया है। पहले विधायकों की रुचि कार्यवाही में अपेक्षाकृत कम थी, लेकिन अब वे अपने क्षेत्र और शहर के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने में सक्रिय हैं और उन पर सकारात्मक चर्चा करते हैं।
महाना ने कहा कि यूपी विधानसभा 25 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका नाम देश-दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर आए, यह सभी की आकांक्षा है। उन्होंने कहा कि यह गौरवशाली स्थिति केवल भव्य भवन के कारण नहीं, बल्कि ई-विधान व्यवस्था और प्रभावी कार्य संचालन के कारण है। ई-विधान सबसे पहले लागू करने के लिए हमें केंद्र सरकार से प्रशस्ति पत्र भी मिला है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है।