संसद के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन, चुनाव आयोग और सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली : चुनावों में कथित धांधली, वोट चोरी और एसआईआर प्रक्रिया पर राजनीतिक हंगामा बरकरार है। इसी क्रम में मंगलवार को विपक्ष के सदस्यों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत इंडिया ब्लॉक के लगभग सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। विपक्ष 124 साल की मिंता देवी की टी-शर्ट पहनकर आया, जिनका कथित तौर पर फर्स्ट वोटर में नाम दर्ज है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर वोट चोरी कर रहे हैं, जनता के अधिकार छीन रहे हैं।

एसआईआर पर कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। अगर चुनाव आयोग की पूरी बुनियाद ही संदेह के घेरे में है, तो चुनाव नतीजे भी संदिग्ध हैं और लोकतंत्र कमजोर होता है। इस मुद्दे को लगातार उठाया जाना चाहिए क्योंकि यह हमारी चुनावी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाता है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि 300 सांसद सड़क पर आए। सभी सांसद शांतिपूर्वक चुनाव आयोग के पास जा रहे थे, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया। विपक्ष के सांसदों को हिरासत में ले लिया गया और इधर, सरकार ने संसद में बिल पास कराया। यह एक तरीके की तानाशाही है। उन्होंने आगे कहा, मतदाता सूची को लेकर शिकायतों पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए था। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने भी मतदाता सूची के जरिए सबूत दिए थे। ऐसे में आयोग को स्वस्थ मतदान के लिए ब्योरा लेना चाहिए था।

कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, विपक्ष सरकार को जगाने की हर संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन सरकार ने अपना मन बना लिया है, वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है और सदन को चलने नहीं देना चाहती है।

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा का विभाग बन चुका है। फर्जी वोटर बनाना यह भाजपा का रेगुलर काम है। सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में यह एकतरफा था कि भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, लेकिन नतीजे बिल्कुल उलट आए। मिंता देवी जैसे मतदाताओं से स्पष्ट है कि ये भाजपा और चुनाव आयोग का पूरा प्लान है। कांग्रेस पार्टी इसको लेकर पूरे देश में आईना दिखाएगी।

इसी तरह, समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने कहा कि पिछले 10 दिनों से संसद में हमारी एक ही मांग रही है कि एसआईआर पर चर्चा हो। सरकार कहती रहती है कि वह चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन जिस मुद्दे पर हम चाहते हैं, उस पर वह चर्चा क्यों नहीं कर रही है? समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा, लोकतंत्र को बचाने की यह एक लंबी लड़ाई है। हमारी पार्टी, समाजवादी पार्टी, ने 18,000 हलफनामे और सबूत जमा किए हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

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