उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 का भव्य उद्घाटन कल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया, जहाँ तमाम प्रदर्शनों के बीच राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उत्तर प्रदेश का स्टॉल आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा। यह स्टॉल केवल एक प्रदर्शन नहीं बल्कि एक अनुभव था, जिसने हर आगंतुक को गंगा से जुड़ाव का नया अहसास कराया।
यह विशेष प्रस्तुति इतनी प्रभावशाली रही कि UPITS 2025 में Best Stall का Award भी राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उत्तर प्रदेश को प्रदान किया गया, जिसने मिशन की नवाचार और जनसंपर्क की दिशा में निरंतर प्रगति को और सशक्त किया।
यहाँ जागरूकता पैनल्स के माध्यम से महाकुंभ का वैभव और छोटी नदियों के पुनरोद्धार की झलक देखने को मिली, एनामॉर्फिक डिस्प्ले ने राज्य मिशन की उपलब्धियों को अद्भुत और चौंकाने वाले अंदाज़ में प्रस्तुत किया, वहीं रियल टाइम रिवर राइड वीडियो अनुभव ने आगंतुकों को ऐसा अहसास दिलाया मानो वे स्वयं नदी में नाव चला रहे हों। गंगा घाटों और आरती के दिव्य दर्शन के लिए वर्चुअल रियलिटी तकनीक का उपयोग किया गया जिसने लोगों को सीधे उस वातावरण में पहुँचा दिया। साथ ही गंगा क्विज़ और गेम ज़ोन ने हर उम्र के लोगों को जोड़े रखा, जहाँ सही जवाब देने और खेलों में जीत हासिल करने वाले प्रतिभागियों को स्मृति-चिह्न के रूप में आकर्षक कैप्स और टी-शर्ट्स भी भेंट की गईं।
परियोजना निदेशक, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उत्तर प्रदेश, प्रभास कुमार ने कहा कि यह स्टॉल हमारे मिशन की आत्मा को दर्शाता है, जिसमें परंपरा और तकनीक का सुंदर संगम दिखाई देता है। महाकुंभ से लेकर छोटी नदियों के पुनरोद्धार तक हमारी कोशिश यही है कि लोग न केवल देखें बल्कि महसूस करें कि गंगा संरक्षण की दिशा में कितनी प्रगति हो रही है।
वहीं यूनिट हेड- कम्युनिकेशन एंड आउटरीच, सुश्री सोनलिका सिंह ने बताया कि हमारा प्रयास यह था कि स्टॉल को केवल दृश्यात्मक न रखा जाए बल्कि हर आगंतुक के लिए भावनात्मक और शैक्षिक अनुभव भी बने। इसी सोच के तहत वीआर, एनामॉर्फिक डिस्प्ले और रियल टाइम विजुअल्स शामिल किए गए ताकि बच्चे हों या नीति-निर्माता, हर कोई गंगा के संदेश को अपने साथ लेकर जाए।
यह स्टॉल लोगों के लिए सीखने, खेलने और अनुभव करने का अनोखा संगम साबित हुआ और प्रदर्शनी का सच्चा केंद्र बिंदु बन गया। Best Stall Award प्राप्त करके राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उत्तर प्रदेश ने यह संदेश और भी प्रबल कर दिया कि गंगा संरक्षण केवल एक योजना नहीं बल्कि जनभागीदारी से चलने वाला एक आंदोलन है, जिसमें धरोहर, जागरूकता और आधुनिक तकनीक का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।
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