लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छठ महापर्व को लेकर परदेशवासियों के नाम एक चिठ्ठी लिखी है । इस पत्र में उन्होंने सभी से अपील की है कि छठ पर नदियों-घाटों को स्वच्छ रखने का संकल्प लें।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों के नाम लिखे पत्र में लिखा है कि, छठ महापर्व आस्था और प्रकृति के साथ साथ प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का एक अनुपम उत्सव है। इस पावन पर्व का एक गहरा संदेश है कि नदियों और जलाशयों के प्रति सम्मान और उनका संरक्षण करना बहुत ही ज़रूरी है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हम नदी सभ्यता की संताने हैं।हमारे लिए नदियाँ धमनियों की तरह हैं जिनमें जल की स्मृतियाँ सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि, “ मेरे सम्मानित प्रदेश वासियों छठ महापर्व आस्था व परंपरा के साथ-साथ प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का अनुपम उत्सव है। एक जिला-एक नदी के अंतर्गत सरकार नदियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयत्नशील है।”
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आइए, छठ पर नदियों-घाटों को स्वच्छ रखने का संकल्प लें। छठ महापर्व की सभी को शुभकामनाएं। उत्तर प्रदेश सरकार इन जीवनधाराओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
योगी ने कहा है कि 2017 से अब तक 50 से अधिक नदियों को पुनर्जीवित किया जा चुका है। कानपुर की नून, देवरिया की छोटी गंडक, वाराणसी की मटुका, जौनपुर की पीली नदी का प्रवाह हमारे प्रयास का प्रमाण है। इसी कड़ी में ‘गोमती पुनर्जीवन मिशनं प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को नई धारा प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा है कि ‘एक जिला-एक नदी के अंतर्गत, सरकार नदियों के संरक्षण के लिए सतत् प्रयत्नशील है। आइए, इसे लोकसहभागिता के उत्सव के रूप में मनाएं। इस छठ पर नदियों घाटों को स्वच्छ रखने का संकल्प लें। नदियां हैं तो हम हैं, नदियां नहीं तो कुछ भी नहीं। समस्त प्रदेशवासियों को छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
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