भारत-श्रीलंका संबंध लोकतांत्रिक साझेदारी की मिसाल : ओम बिरला

नई दिल्ली : श्रीलंका की संसद में विपक्ष के नेता सजिथ प्रेमदासा का भारतीय संसद में स्वागत करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह दोनों लोकतांत्रिक देशों के गहरे और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और जन-जन के स्तर पर जुड़ाव दोनों देशों की साझी विरासत को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करता है।

ओम बिरला ने उल्लेख किया कि भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और ‘सागर विजन’ में श्रीलंका की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो क्षेत्रीय सहयोग और स्थिरता को सशक्त करती है। उन्होंने कहा कि साझा लोकतांत्रिक मूल्य और बहुदलीय प्रणाली दोनों देशों के बीच लोकतांत्रिक संवाद की सशक्त आधारशिला हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि भारत-श्रीलंका संसदीय मैत्री समूहों के गठन से दोनों संसदों के बीच रचनात्मक सहयोग को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि भारत, श्रीलंका की प्रगति और आर्थिक स्थिरता का एक विश्वसनीय साझेदार है। ऊर्जा, नवाचार, कनेक्टिविटी और फिनटेक जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और सुदृढ़ हो रहे हैं।

ओम बिरला ने प्रेमदासा के भारत दौरे को दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ करने वाला अवसर बताते हुए उनके सुखद प्रवास की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका की साझेदारी दक्षिण एशिया में लोकतांत्रिक सहयोग और विकास की नई दिशा तय कर रही है।

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