नई दिल्ली : हरियाणा के फरीदाबाद में सोमवार को होने वाली उत्तरी जोनल काउंसिल की 32वीं बैठक में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह राज्यों के बीच सीमा और समन्वय से जुड़े विवाद, कानून व्यवस्था, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों की जांच की रफ्तार, फास्ट ट्रैक अदालतों के कामकाज, सभी गांवों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने की स्थिति, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली 112 के क्रियान्वयन और क्षेत्रीय विकास से जुड़े कई अहम मुद्दों की विस्तृत समीक्षा करेंगे। बैठक में राज्यों से मिल रहे सुझावों और लंबित मामलों पर भी चर्चा होगी तथा आवश्यक निर्णय लिए जाने की संभावना है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार उत्तरी जोनल काउंसिल में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ शामिल हैं। परिषद की बैठक में केंद्र सरकार, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। मंत्रालय के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में विभिन्न जोनल काउंसिलों और उनकी स्थायी समितियों की कुल 63 बैठकें आयोजित हो चुकी हैं, जिनमें केंद्र और राज्यों से जुड़े कई विवादों और प्रशासनिक चुनौतियों पर सहमति बनी है।
बैठक में पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली आपूर्ति, शहरी विकास, सहकारिता क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण और क्षेत्रीय हित से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी व्यापक विचार विमर्श किया जाएगा। काउंसिल खास तौर पर उन विषयों पर ध्यान देती है, जो दो या अधिक राज्यों के बीच तालमेल की जरूरत पैदा करते हैं, जैसे अंतरराज्यीय आवाजाही, सीमाई प्रशासन, सुरक्षा से जुड़े समन्वय और बुनियादी सेवाओं का सामूहिक सुधार।
उल्लेखनीय है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत देश में पांच जोनल काउंसिलों का गठन हुआ था। उत्तरी जोनल काउंसिल में केंद्रीय गृह मंत्री अध्यक्ष होते हैं, जबकि सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से एक हर वर्ष बारी-बारी से उपाध्यक्ष बनता है। परिषद में प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा दो मंत्रियों को सदस्य नामित किया जाता है। इसके अलावा मुख्य सचिव स्तर की स्थायी समिति पहले राज्यों के प्रस्तावित मुद्दों पर विचार करती है और फिर उन्हें परिषद की बैठक में भेजती है, जहां अंतिम निर्णय लिए जाते हैं।
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