बरेली : आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने बिहार चुनाव परिणामों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। रज़वी बरेलवी ने कहा कि बिहार में बरेलवी वोट ने सियासत की तस्वीर बदली है। यूपी में भी समाजवादी पार्टी को नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
सोमवार को एक बयान जारी कर मौलाना बरेलवी ने कहा कि नीतीश कुमार के जदयू–भाजपा के गठबंधन की भारी जीत और कांग्रेस–राजद की हार की असली वजह अब भी कई सियासी दल नहीं समझ पाए हैं। मौलाना रज़वी के अनुसार वक्फ संशोधन बिल के बाद पटना विरोध का केंद्र बना रहा। इसी दौरान रमजान के समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोज़ा इफ्तार का आयोजन किया था, जिसमें देवबंदी उलमा और बरेलवी उलमा दोनों को निमंत्रण भेजा गया। देवबंदी उलमा ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया, जबकि बरेलवी उलमा बड़ी संख्या में शामिल हुए। रज़वी बरेलवी ने कहा कि इसके कुछ समय बाद बरेलवी केंद्र इदार-ए-शरईया को सरकार में अहम जिम्मेदारियां भी मिलीं। मौलाना का दावा है कि इसी वजह से बिहार में 60 फीसदी बरेलवी मतदाता नीतीश गठबंधन के साथ चले गए, जबकि देवबंदी मत कांग्रेस गठबंधन को मिला।
उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव के संदर्भ में मौलाना रज़वी ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव काे भी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है, क्याेंकि पूर्व मुख्यम़ंत्री यादव हाल ही में बरेली आए थे, लेकिन उन्होंने दरगाह आला हज़रत पर हाज़िरी नही दी और इससे बरेलवी समाज में नाराज़गी है। मौलाना ने कहा कि यूपी में लगभग 60 फीसदी सुन्नी बरेलवी आबादी को नज़रअंदाज़ करना राजनीतिक रूप से नुकसानदेह साबित हो सकता
है।
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