देहरादून : श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बुधवार को श्री कुबेर, उद्धव व आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी ने बदरीनाथ के रावल की अगुवाई में पांडुकेश्वर की ओर प्रस्थान किया। पांडुकेश्वर से कल यानी 27 नवंबर को शंकराचार्य जी की गद्दी ज्योर्तिमठ के लिए प्रस्थान करेंगी। शीतकाल में उद्धव व कुबेर जी की पांडुकेश्वर आदि बदरी मंदिर और शंकराचार्य जी की गद्दी की ज्योर्तिमठ में पूजा-अर्चना होगी।
डोलियों के पांडुकेश्वर पहुंचने पर भव्य स्वागत होगा। इसकी मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड ने बताया कि मंदिरों को फूलों से सजाया गया है और तीर्थ पुरोहितों के साथ ही स्थानीय ग्रामीण डोलियों का स्वागत करेंगे। पूजा-अर्चना के बाद कुबेर और उद्धव की मंदिर के गर्भगृह में स्थापना होगी। इसके बाद 27 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी पांडुकेश्वर से ज्योर्तिमठ के लिए रवाना होगी।
ज्योर्तिमठ में भी विशेष पूजा की तैयारियां की जा रही हैं। इस अवसर पर भगवान नरसिंह की पूजा-अर्चना के साथ उन्हें विशेष भोग भी अर्पित किया जाएगा। इस अवसर स्थानीय गाव उत्सव मनाते हैं और दूरदराज से भी लोग भगवान नरसिंह की पूजा के लिए आते हैं।
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