नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुणे मेट्रो रेल परियोजना के फेज-2 के तहत लाइन-4 (खराड़ी-हडपसर-स्वारगेट-खड़कवासला) और लाइन-4 ए (नल स्टॉप-वारजे-मानिक बाग) को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार, दोनों कॉरिडोर कुल 31.636 किमी लंबे होंगे और इनमें 28 एलिवेटेड स्टेशन बनेंगे। परियोजना पांच वर्ष में पूरी की जाएगी और इसकी अनुमानित लागत 9,857.85 करोड़ रुपये होगी। इसके लिए भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी वित्तीय एजेंसियां संयुक्त रूप से धन उपलब्ध कराएंगी। लाइन 4 और 4ए पुणे की कम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान का हिस्सा हैं और खराडी बाइपास, नाल स्टॉप (लाइन 2) तथा स्वारगेट (लाइन 1) पर इंटरचेंज बनाया जाएगा। हडपसर रेलवे स्टेशन पर भी इंटरचेंज होगा और इसे लोनी कालभोर व ससवड रोड की ओर भविष्य के प्रस्तावित कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा।
यह मेट्रो लाइन आईटी पार्क, औद्योगिक क्षेत्रों, व्यापारिक जोन, शिक्षण संस्थानों और घनी आबादी वाले इलाकों को जोड़ेंगी। सोलापुर रोड, मगरपट्टा रोड, सिंहगद रोड, करवे रोड और मुंबई बेंगलुरु राजमार्ग जैसे व्यस्त मार्गों पर यातायात दबाव कम होगा और सुरक्षित, हरित और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। इसके बनने के बाद दैनिक यात्रियों का संयुक्त अनुमान 2028 में 4.09 लाख, 2038 में 7 लाख, 2048 में 9.63 लाख और 2058 में 11.70 लाख से अधिक होगा। लाइन 4 पर 2028 में 3.23 लाख से बढ़कर 2058 में 9.33 लाख यात्रियों द्वारा यात्रा करने का अनुमान है, जबकि लाइन 4ए पर 2028 में 85,555 से बढ़कर 2058 में 2.41 लाख यात्रियों के यात्रा करने की संभावना है।
परियोजना का क्रियान्वयन महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। सर्वे, डिजाइन और अन्य पूर्व निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं। इस मंजूरी से पुणे मेट्रो नेटवर्क 100 किमी के लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगा।
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