लखनऊ : प्रदेश के राज्यपाल रामनाइक ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बढ़रहे छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के समय शुरू किये गए सर्व शिक्षा अभियान और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाये जा रहे ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के तहत उठाये गए सकारात्मक कदमों का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से बेटियों के प्रति समाज का नजरिया भी बदला है। समाज में ‘बेटा-बेटी एक समान’ की परिकल्पना साकार हो रही है और हर क्षेत्र महिलाओं की सहभागिता निरन्तर बढ़ रही है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि उत्तर प्रदेश में आया यह बदलाव देश की तस्वीर बदलने में निर्णायक सिद्ध होगा। उत्तर प्रदेश जब आगे बढ़ता है, तो देश भी आगे बढ़ेगा।
उपरोक्त बातें राज्यपाल ने सोमवार को राजभवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने प्रदेश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में आये बदलावों को लेकर शैक्षिक सत्रों के नियमितीकरण, समय पर हो रही नक़ल विहीन परीक्षाओं, आदि पर बात की। दीक्षान्त समारोहों की बदली वेशभूषा और नियमित आयोजन के बारे में भी बताया। राज्यपाल ने आंकड़ो पर बात करते हुए कहा क़ि विश्वविद्यालयों से शिक्षा पाकर छात्र और छात्राएं 60 और 40 के प्रतिशत में उपाधि ले रहे हैं। इस नजरिये से छात्राएं कम हैं, परन्तु मेधावी पदक प्राप्त करने वाली छात्राओ का प्रतिशत 67 है। इस तरह महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ा प्रयास है।
राज्यपाल ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने कार्यकाल के दौरान आये सकारात्मक बदलाव सम्बन्धी आंकड़े भी पेश किये। एक प्रश्न के उत्तर में राज्यपाल ने निजी विश्व विद्यालयों की समस्या पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार सभी को शिक्षा नहीं दे सकती इस लिए निजी विश्वविद्यालय भी जरूरी हैं। साथ ही सरकार को निजी विश्वविद्यालयों व्यवस्था में सुधार का भी अधिकार है। उन्होंने कहा कि यदि निजी विश्वविद्यालय के लोग मिलेंगे तो वे उनकी समस्या सुनेंगे और आवश्यकता पड़ने पर निजी विश्वविद्यालयों के मसले पर सरकार को सलाह भी देंगे।
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