पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश
रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत के बाद गुरुवार 17 जनवरी को भूपेश सरकार ने एक महीना पूरा कर लिया हैं। पिछले महीने की 17 दिसंबर को ही छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल ने शपथ ली थी। भूपेश सरकार द्वारा सत्ता में आते ही अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए वायदों को पूरा करने के लिए निरंतर कार्य कर करने का दावा किया गया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि इस एक महीने में न सिर्फ 16 लाख से अधिक किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ़ किया गया है, वहीं उद्योग नहीं लगाने पर टाटा की कंपनी से आदिवासियों की जमीन वापस करने जैसे निर्णय लिए गए हैं। साथ ही भूपेश सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी से लेकर तेंदूपत्ता संग्रहण दर 25 सौ रुपये से बढ़ाकर 4 हजार रुपये मानक बोरा करने की कवायद तेज की है। वहीं दूसरी तरफ छोटे भूखंड की खरीद बिक्री पर लगी रोक हटाने का फैसला लिया है।
झीरम मामले और नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले जैसे गंभीर मामले में एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) जांच के आदेश भी दिए गए हैं। बात अगर छत्तीसगढ़ की जनता की आस्था की हो तो विधानसभा में राजिम कुंभ का नाम राजिम पुन्नी मेला करने का प्रस्ताव पारित किया। छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ करने व सरकारी खर्चों में मितव्ययिता बनाए रखने निर्देश भी दिए गए हैं। भूपेश बघेल ने चिट्टी में नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा है कि आपके प्यार और आशीर्वाद से 17 दिसंबर 2018 को मुझे छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली थी। हमारे सामने अनेक चुनौतियां थी। पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रदेश में लोकतंत्र और व्यवस्था के प्रति विश्वास की बहाली, छत्तीसगढ़ की अस्मिता और संस्कृति की रक्षा, जल-जंगल-जमीन से दरकिनार किये गये असली मालिकों को न्याय दिलाना और जनता के प्रति शासन प्रशासन को संवेदनशील बनाने की उनकी प्राथमिकता है।
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