हिसार के हांसी एरिया के एक गांव में फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के वक्त हुए उपद्रव और फायरिंग मामले में अदालत ने दोषी ठहराए गए तीनों आरोपियों को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है. उस वक्त गोलीबारी में लालपुरा के मिंटू की गोली मारकर हत्या की गई थी. अदालत ने तीनों दोषियों पर 17 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. 
उपजिला न्यायवादी राजीव सरदाना ने बताया ”हिसार में एडीजे डीआर चालिया की अदालत ने इस मामले पर सजा का ऐलान किया है. कड़े पहरे के बीच मामले में संलिप्त सोनीपत के पवन उर्फ पोना, हांसी के सिसाय गांव के दलजीत उर्फ जलजीत, और दादरी के सुरेंद्र उर्फ झंडा को बुधवार को अदालत में पेश किया गया था. तीनों दोषियों को अंतिम सांस तक जेल में रहने के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया गया है.”
वर्ष 2016 में जब जाट आरक्षण आंदोलन हुआ था, तो उस दौरान हांसी इलाके में भीड़ द्वारा तोड़-फोड़ करते हुए उपद्रव को अंजाम दिया गया था. इसी बीच लालपुरा के रहने वाले मिंटू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मिंटू का शव 23 फरवरी 2016 को मिला था, उस वक्त हालात यह हो गए थे कि मामले की नजाकत को समझते हुए हांसी में पुलिस के साथ-साथ सेना को भी तैनात करना पड़ा था. उस वक्त विवाद सिसाय और सैनीपुरा-ढाणीपाल गांवों के ग्रामीणों के बीच हुआ था.
स्थिति टकराव के रूप में कुछ ही देर में तब्दील हो गई थी. हालात ऐसे बन गए थे कि उपद्रवियों ने ढ़ाणियों में घुसकर जमकर उत्पात मचाते हुए तोड़-फोड़ और आगजनी को अंजाम दिया था. यहां तक कि पशुओं पर भी जमकर अत्याचार किया गया था. इस मामले में हांसी की पुलिस ने केस दर्ज किया था.
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