अमेरिका में 41 वर्षीय भारतीय मूल के नागरिक को नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 30 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने जुर्म में अमेरिका कोर्ट ने 41 वर्षीय भारतीय मूल के नागरिक को 30 साल के कारावास की सजा सुनाई है। कैलिफोर्निया में रहने वाले दीपक देशपांडे को पिछले साल अक्टूबर में दोषी ठहराया गया था। गुरुवार को अमेरिकी जिला न्यायाधीश कार्लोस मेंडोज़ा ने सजा सुनाई थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए उनके मुताबिक देशपांड़े ने 2017 में ऑरलैंडो में नाबालिग से संपर्क किया था। उस वक्त उसने खुद को मॉडलिंग एजेंट बताया था और नाबालिग से अपनी नाबालिग को खुद की आपत्तिजनक तस्वीरें भेजने के लिए कहा। एक महीने बाद देशपांड़े ने उस नाबालिग को उसकी ही तस्वीरें भेजी जिसमें उसके साथ अन्य दो लोगों भी शामिल थे। साथ ही उसे धमकी दी कि उसे उसके लिए काम जारी रखना होगा।सितंबर 2017 में देशपांडे कैलिफोर्निया से फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में पहली बार नाबालिग से मुलाकात करने पहुंचा।
वह उसे एक स्थानीय होटल में ले गया जहां उसने कई बार पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया। सितंबर 2017 से अप्रैल 2018 तक उसने पीड़िता का उत्पीड़न जारी रखा। मई 2018 की शुरुआत में एफबीआई ने देशपांडे की जांच शुरू की। एक अंडरकवर एफबीआइ एजेंट ने देशपांडे के साथ बातचीत में खुद को नाबालिग के रूप में पेश किया। अंडरकवर एजेंट की जांसे में आने के बाद देशपांड़े फिर ऑरलैंडो आया जहां उसे एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया गया।
अपनी गिरफ्तारी के बाद देशपांडे ने अपनी सुनवाई के दौरान नाबालिग पीड़िता के अपहरण और हत्या की साजिश रची। उसने इस काम के लिए एक साथी कैदी की मदद ली जिसके बारे में उसे लगता था कि वह जल्द ही रिहा हो जाएगा। देशपाड़े ने उस कैदी को कुछ लोगों के नाम और संपर्क करने की जानकारी दी जो अपहरण और हत्या को अंजाम देने के लिए तैयार हो जाएंगे।
साथ ही उसने पीड़िता के घर का पता और उसके स्कूल आने-जाने के समय के बारे में भी सारी जानकारी दे दी।एफबीआइ अधिकारी ने कहा कि हमने देशपांड़ के प्रयासों को विफल कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पीड़िता के साहत की सराहना करता हूं जिसने हमारी इस काम में मदद कर ये सुनिश्चित किया कि यह किसी दूसरी लड़की को अपना शिकार ना बना पाए।
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