कोलकाता : मशहूर फिल्म निर्माता दादा साहेब फाल्के को जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने याद कर श्रद्धांजलि दी है। मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री ने इस बारे में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि आज दादा साहेब फाल्के की जयंती है। इस मौके पर मैं उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रही हूं। 30 अप्रैल 1830 को जन्में धुंडिराज गोविन्द फाल्के उपाख्य दादासाहब फाल्के वह महापुरुष हैं जिन्हें भारतीय फिल्म उद्योग का ‘पितामह’ कहा जाता है। दादा साहब फाल्के, सर जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट से प्रशिक्षित सृजनशील कलाकार थे। वह मंच के अनुभवी अभिनेता थे, शौकिया जादूगर थे।
कला भवन बड़ौदा से फोटोग्राफी का एक पाठ्यक्रम भी किया था। उन्होंने फोटो केमिकल प्रिंटिंग की प्रक्रिया में भी प्रयोग किये थे। प्रिंटिंग के जिस कारोबार में वह लगे हुए थे, 1910 में उनके एक साझेदार ने उससे अपना आर्थिक सहयोग वापस ले लिया। उस समय इनकी उम्र 40 वर्ष की थी कारोबार में हुई हानि से उनका स्वभाव चिड़िचड़ा हो गया था। उन्होंने क्रिसमस के अवसर पर ‘ईसामसीह’ पर बनी एक फिल्म देखी। फिल्म देखने के दौरान ही फालके ने निर्णय कर लिया कि उनकी जिंदगी का मकसद फिल्मकार बनना है। उन्हें लगा कि रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक महाकाव्यों से फिल्मों के लिए अच्छी कहानियां मिलेंगी। उनके पास सभी तरह का हुनर था। वह नए-नए प्रयोग करते थे। अतः प्रशिक्षण का लाभ उठाकर और अपनी स्वभावगत प्रकृति के चलते प्रथम भारतीय चलचित्र बनाने का असंभव कार्य करनेवाले वह पहले व्यक्ति बने।
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