लखनऊ। आतंकवादियों व देश विरोधी ताकत के प्रति कड़क रूख रखने वाले अमित शाह से गृह मंत्रालय का पद संभालते ही देश में अवैध ढंग से रह रहे रोहंगिया और बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के साथ ही आतंक की समस्या से निजात दिलाने की उम्मीद जग गयी है। ज्योतिष के अनुसार भी 2021 तक उनका पूर्ण राजयोग है। उनकी कुंडली में छठे भाव में कुंभ राशि का स्वगृही शनि प्रबल राजयोग बनाते हुए शत्रुहन्ता योग बना रहा है। इस कारण वे शत्रुओं पर हर वक्त हावी रहते हैं। अमित शाह को 1987 में भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया गया। शाह को पहला बड़ा राजनीतिक मौका 1991 में मिला जब उन्होंने आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला। उस चुनाव में लाल कृष्ण आडवाणी को 356902 वोट और कांग्रेस के आईजी पटेल को 231223 वोट प्राप्त हुए थे। इसके बाद दूसरा मौका 1996 में मिला, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ना तय किया। इस चुनाव में भी उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला।
इसके बाद तो अमित शाह ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पेशे से स्टॉक ब्रोकर अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए। 2009 में वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने। 2014 में नरेंद्र मोदी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 2003 से 2010 तक उन्होंने गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृहमंत्रालय का जिम्मा संभाला। गुजरात के गृहमंत्री रहते हुए भी वे आतंकवादियों के प्रति काफी सख्त बने रहे। 2019 के अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी रोहंगिया, आतंकवादियों और बंगलादेश के घुसपैठियों के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया देने वाले अमित शाह से लोगों को उम्मीद है कि उनके कार्यकाल में स्थितियां काफी सुधरेंगी।
प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य एसआर शंकर का कहना है कि अमित शाह की कुंडली कन्या लग्न की है। राहु दशम भाव में उच्च का होकर स्थित हैं और राहु की दशा 2003 से चल रही है जो 2021 तक चलेगी। इसके अतिरिक्त छठे भाव में कुंभ की राशि का स्वगृही शनि स्थित है और प्रबल विपरीत राजयोग बनाते हुए शत्रुहन्ता योग बना रहा है। इस कारण अमित शाह में सरदार बल्लभ भाई पटेल की छवि दिखती है। कुंडली के अनुसार सूर्य और मंगल दोनों नीच के हैं। यह कुंडली राहु की महादशा और अंत में झटका और मुसीबत भी दे सकती है। इनके गुप्त शत्रु भी बहुत हैं। कुंडली के अनुसार शत्रु आसानी से इनका कुछ बिगाड़ नहीं सकते। अति आक्रामकता के कारण इनको कुछ हानि हो सकती है।
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