नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सहसरकार्यवाह सुरेश सोनी ने मंगलवार को यहां डॉ आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में ‘एसेंशियल विवेकानंद’ पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने देश की युवा पीढ़ी, शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों और बुद्धिजीवी वर्ग का आह्वान करते हुए कहा कि आज विवेकानंद के विचारों को व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुस्तकों में दर्ज विवेकानंद के विचार आचरण में कैसे आएं इस पर विचार किया जाना चाहिए। भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर और भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव अनूप ने पुस्तक को संपादित किया है। पुस्तक की प्रस्तावना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने लिखी है। विमोचन कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और रामकृष्ण मठ दिल्ली के अध्यक्ष स्वामी शांतात्मानंद भी उपस्थित थे।
सुरेश सोनी ने पुस्तक के शीर्षक एसेंशियल (महत्वपूर्ण) का उल्लेख करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण बातों की पुनरावृति होती रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विवेकानंद विचारों में संकीर्ण नहीं थे। वह अपनी कमी भी स्वीकार करते थे। यूरोप में चार वर्ष बिताकर भारत लौटने के समय उनसे पूछा गया कि सुख सुविधाओं को छोड़कर अब भारत लौटने पर आपको वहां कैसा लगेगा। इस पर स्वामी ने कहा कि भारत मेरे लिए तीर्थ है। वह स्पंदन मेरे लिए श्रद्धा का केंद्र है। भारत पहुंचने पर जब वह जहाज से उतरकर मिट्टी में लेाटते हैं तो उनसे इसका कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि मैं भोगवादी वातावरण से लौटा हूं तो कुछ जर्म आ गए होंगे, वे इससे दूर हो जाएंगे।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal