कोलकाता : कोलकाता पहुंचे भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया है कि देश में मतपत्र से चुनाव कराने का अब कोई सवाल ही नहीं उठता है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ईवीएम के बजाय मतपत्र से चुनाव कराने की मांग कर रही हैं। यहां तक कि 21 जुलाई के मंच से भी उन्होंने ईवीएम की जगह मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की थी। न केवल तृणमूल बल्कि देश के अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी ममता बनर्जी का साथ दिया था। इसमें आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, मायावती, राज ठाकरे समेत अन्य विपक्षी नेता शामिल हैं। इसलिए सुनील अरोड़ा से यह पूछा गया कि देश में होने वाले आगामी चुनाव क्या मतपत्र से कराए जाएंगे? तब सुनील अरोड़ा ने स्पष्ट कहा कि अब देश में ईवीएम छोड़कर मतपत्र पर लौटने का कोई सवाल ही नहीं उठता, मतपत्र अब इतिहास की बात हो गई हैं। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है।
दरअसल मुख्य चुनाव आयुक्त दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता आए हैं। उनके साथ उप चुनाव आयुक्त संदीप जैन भी हैं। पश्चिम बंगाल में भी असम की तरह एनआरसी लागू करने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एनआरसी का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस बारे में शीर्ष अदालत से राय आने के बाद ही इस बारे में कुछ भी कहा जा सकेगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होगा।
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