शक्ति की उपासना का पावनपर्व आश्विन शुक्ल प्रतिपदा नवरात्र का शुभारम्भ 29 सितंबर को आरंभ हो रहा है। मां की उपासना सभी प्राणी अपने परिवार को भी त्रिबिध तापों दैहिक, दैविक और भौतिक से मुक्ति दिला सकते हैं । संसार में सबसे सरल उपासना या तो माता शक्ति की है या भगवान शिव की है। मां कभी नाराज नहीं होतीं और भोलेनाथ अपने भक्तों कि गलतियों पर ध्यान नहीं देते।

पांच ज्ञान इन्द्रियाँ, पांच कर्म इन्द्रियाँ और एक मन इन ग्यारह को जो संचालित करती हैं वही परम शक्ति माँ हैं जो जीवात्मा, परमात्मा, भूताकाश, चित्ताकाश और चिदाकाश के में सर्वव्यापी है वही माँ शक्ति हैं। इनकी श्रद्धाभाव से आराधना की जाए तो चारो पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है । नवरात्र में माता शक्ति की आराधना कैसे करें इसका सरल उपाय हैं दो बातें आप ध्यान रखें, ‘भवानी शंकरौ वन्दे श्रद्धा विश्वास रुपिणौ । याभ्यां बिना न पश्यन्ति सिद्धः स्वान्तः थमीस्वरम ।।
अर्थात- माता शक्ति अथवा किसी भी देवी-देवता की आराधना के श्रद्धा- विश्वास और समर्पण का होना अति आवश्यक है। आप को विश्वास है, किन्तु श्रद्धा नहीं है,तो उस पूजा का कोई लाभ नहीं होगा! श्रद्धा है किन्तु विश्वास नहीं है तो भी उस पूजा का कोई लाभ नहीं होगा। अगर ये दोनों हैं और समर्पण भी है तो आप को परमानंद की प्राप्ति होगी! माँ की कृपा आप पर निरंतर बरसती रहेगी।
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