इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने एमटेक ट्यूशन फीस को दस गुना बढ़ाने का फैसला किया है. 2020 के शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले तीन साल के कोर्स में फीस को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया जाएगा. इसी के साथ मंथली फेलोशिप अवॉर्ड पर भी रोक लगा दी है.

वहीं कुछ शिक्षकों ने कहा कि अब आईआईटी के पढ़ने में कमजोर छात्रों को कोर्स से बाहर कर दिया जाएगा. आईआईटी कमजोर छात्रों को तीन साल के बाद संस्थान से बाहर करने की योजना बना रहा है. ऐसे कमजोर छात्रों को तीन साल बीएससी इंजीनियर की डिग्री देने का विचार किया जा रहा है. संस्थानों के लिए सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था आईआईटी काउंसिल ने शुक्रवार को एमटेक शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
आपको बता दें, अभी बीटेक की ट्यूशन फीस साल की 2 लाख रुपये और एमटेक की 20 हजार रुपये है. वर्तमान में, इन संस्थानों में लगभग 10,000 एमटेक छात्रों में से प्रत्येक 12,400 रुपये मंथली फेलोशिप दी जा रहा है. जिसे “शिक्षण सहायता” भी कहा जाता है.
वहीं नए फैसले के अनुसार, अब से, केवल कुछ चुनिंदा “सक्षम” छात्रों को ही फेलोशिप मिलेगी, हालांकि उनकी संख्या या योग्यता निर्धारित करने के मापदंड अभी तक स्पष्ट किए गए हैं. जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी. दो काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि एमटेक ट्यूशन फीस अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की पूरी फीस माफ की जाएगी.
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