लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे देश के नए सेना प्रमुख होंगे। वे मंगलवार को सेना प्रमुख का पदभार संभालेंगे। वे जनरल बिपिन रावत का स्थान लेंगे, जो तीन वर्ष तक सेना प्रमुख रहने के बाद सोमवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किए गए हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे फिलहाल सेना उप प्रमुख हैं। वे सितंबर में सेना उप प्रमुख बनने से पहले सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख थे, जो चीन के साथ लगती करीब 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा की देखभाल करती है। अपने 37 वर्षो के सेवा काल में लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की संभाली थी कमान
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन का कमान संभाला और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैंट्री ब्रिगेड का नेतृत्व किया। वे श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षो तक म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे रहे।
कई मेडलों से नवाजा जा चुका है
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं। वे जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन हुए थे। उन्हें सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा जा चुका है।
मुकुंद नरवाणे सितंबर में उप सेनाध्यक्ष बनाए गए थे। इससे पहले वह कोलकाता स्थित ईस्टर्न आर्मी कमांड के मुखिया थे। उनको खुलकर अपनी बात रखने के लिए जाना पहचाना जाता है। नरवाणे की खास बात यह है कि वे हर स्थिति को खुद निजी तौर पर परखते हैं। उनकी नजर मौजूदा हाल (ट्रेंड्स) पर भी बनी रहती है। बताया जाता है कि उन्होंने चीन सीमा पर आमने-सामने आई भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच सहयोग बढ़ाने में काफी अहम भूमिका निभाई थी।
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