नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार ने उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि सरकार ने मस्जिद के लिए पांच स्थानों को चिन्हित कर लिया है। बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ उपयुक्त भूमि दें। दरअसल, मीडिया में मंगलवार को ऐसी खबरें आई थीं कि राज्य सरकार ने पंचकोसी परिक्रमा के दायरे से बाहर एक जमीन चिन्हित किया है, जो शहर के चारों ओर 15 किलोमीटर के दायरे से बाहर है। 15 किलोमीटर के दायरे के भीतर ही सारे महत्वपूर्ण मंदिर आते हैं। बता दें कि पंचकोसी परिक्रमा मानसून के समय दो दिन की होती है। श्रद्धालु पहले सरयू नदी में डुबकी लगाते हैं, और उसके बाद शहर के चारों ओर 15 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं। कहा जाता है कि प्रयागराज, हरिद्वार, मथुरा और काशी के लगभग 50000 साधु-संत इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं। इन रिपोर्टों का खंडन करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक इस प्रकार का कोई फैसला नहीं लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदेश सरकार ने पंचकोसी परिक्रमा स्थल के अलावा चार स्थान अयोध्या-फैजाबाद मार्ग पर, अयोध्या-बस्ती मार्ग पर, अयोध्या-सुल्तानपुर मार्ग पर और अयोध्या-गोरखपुर मार्ग पर चिह्नित किए हैं और पांचवां स्थान राजमार्ग पर परिक्रमा मार्ग से दूर प्रस्तावित है। इसमें यह भी कहा गया कि इसका प्रस्ताव भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है। हालांकि, अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट एके झा ने इसे खारिज किया है और कहा कि जिला प्रशासन ने अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। वहीं, यूपी सुन्नी सेंट्र वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारुकी ने कहा कि मुझे इसकी न कोई सूचना मिली है और न ही आवंटित होने वाली जमीन को लेकर राज्य सरकार या केंद्र सरकार से इस मसले पर कोई बातचीत हुई है। गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी और जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे मुस्लिम पक्षों ने ढहाई गई बाबरी मस्जिद के बदले नई मस्जिद के निमार्ण के लिए पांच एकड़ भूमि के प्रस्ताव को पहले ही अस्वीकार कर दिया है।
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