आईपीएस अमिताभ ठाकुर की याचिका पर कोर्ट का फैसला
लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27 नवम्बर 2016 को ली गयी समीक्षा अधिकारी की प्रारम्भिक परीक्षा के संबंध में सीबी-सीआईडी द्वारा लगाये गए अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा दायर प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र पर सिविल जज (जूनियर डिवीज़न), लखनऊ क्षितिज पाण्डेय ने अग्रिम विवेचना के आदेश दिए हैं। अमिताभ की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि सीबीसीआईडी की विवेचना में कई गंभीर कमियां हैं। सीबीसीआईडी ने कई बिन्दुओं पर विवेचना नहीं की जबकि कई अन्य बिन्दुओं पर गलत निष्कर्ष निकाला है। अतः नूतन ने अंतिम रिपोर्ट ख़ारिज करते हुए अग्रेतर विवेचना के आदेश देने की प्रार्थना की थी।
इस पर सिविल जज क्षितिज पाण्डेय ने यह कहते हुए पुनर्विवेचना के आदेश दिए कि मामले में कई बिन्दुओं पर गहनता के साथ विवेचना नहीं की गयी है, जिस पर सही ढंग से विवेचना किया जाना आवश्यक है। अतः उन्होंने सीबीसीआईडी को अविलंब प्रकरण में अग्रिम विवेचना के आदेश दिए हैं। अमिताभ ने इस परीक्षा की द्वितीय पाली के सामान्य हिंदी के पेपर लीक के आरोपों के संबंध में थाना हजरतगंज, लखनऊ में मुक़दमा दर्ज करवाया था जिसमे सीबीसीआईडी ने यह कहते हुए अंतिम रिपोर्ट भेजी थी कि पेपर लीक के बारे में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला। इस विवेचना के कारण लोक सेवा आयोग द्वारा इस परीक्षा का परिणाम अब तक घोषित नहीं किया गया है।
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