अन्य अफसरों के लिए आॅफिस की तलाश शुरू
लखनऊ : राजधानी लखनऊ के नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय फिलहाल लखनऊ एसएसपी के बंगले और कार्यालय में बैठेंगे, लेकिन अन्य अधिकारी कहां बैठेंगे, इस पर अभी निर्णय नहीं हो सका है। लखनऊ कमिश्नरी में तैनात किए गए दो जॉइंट कमिश्नर और 10 पुलिस उपायुक्तों का कार्यालय कहां होगा, यह अभी तय नहीं है। इनके लिए लखनऊ में कार्यालय की तलाश शुरू हो गई है। एटीएस का पुराना कार्यालय, पुलिस मॉडर्न कंट्रोल रूम और इंदिरा भवन में खाली हुए कार्यालय में से किसी एक पर विचार किया जा रहा है। एटीएस के पुराने कार्यालय की साफ-सफाई कराई जा रही है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। लखनऊ और नोएडा में कमिश्नर प्रणाली लागू होने से नोएडा पर भले ही कोई खास असर न पड़ा हो, लेकिन लखनऊ पर इसका असर जरूर दिख रहा है। लखनऊ रेंज कार्यालय हो या जोन कार्यालय, दोनों ही कार्यालय स्थल इन आईजी और एडीजी के कार्यक्षेत्र से बाहर रहेंगे। यानी दोनों ही पद भले ही बरकरार हों लेकिन कद काफी कम हो गया।
लखनऊ रेंज में अब लखनऊ जिले के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र का माल, मलिहाबाद, बख्शी का तालाब, इटौंजा और निगोहा थाना ही रहेगा। वहीं अन्य जिलों में उन्नाव, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर और लखीमपुर खीरी आएगा। यानी पूरे रेंज में कोई भी बड़ा जिला शामिल नहीं है। अभी तक रेंज के आईजी हों या जोन के एडीजी, राजधानी में होने वाले किसी भी बड़े कार्यक्रम की कमान इन्हीं अफसरों के हाथों में होती थी। डीजीपी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक इन अफसरों से ही सवाल-जवाब करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। लखनऊ पुलिस आयुक्त के अधीन तैनात अफसरों का रेंज के आईजी और जोन के एडीजी से कोई मतलब नहीं रहेगा। यानी राजधानी में होने वाले कार्यक्रमों की जिम्मेदारी पुलिस आयुक्त की होगी। चर्चा यह भी है कि इन अफसरों का कद भले ही घट गया हो लेकिन राजधानी की सारी सुविधाओं के साथ सबसे कम टेंशन भी इन अधिकारियों को रहेगी।
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