नई दिल्ली : भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के खिलाफ थी। भाजपा सांसद और सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पक्षकार मीनाक्षी लेखी ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस संबंध में किये गये ट्वीट पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस मामले को लेकर जो लोग अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करना चाहते हैं उन्हें बताना चाहती हूं कि 2014 से पहले सरकार ने कोर्ट में जो किया वही उनकी अक्षमताओं को दर्शाता है। वहीं 2018 से 2019 के बीच मोदी सरकार द्वारा उठाये गये कदम हमारी क्षमताओं को दर्शाते हैं।
उन्होंने कहा कि एससी व एसटी के प्रमोशन में आरक्षण के पीछे जिस प्रकार कांग्रेस थी उसी प्रकार आज राहुल गांधी ने इस मामले पर ट्वीट किया। राहुल ने इस संदेश में महिलाओं को बधाई देने के साथ ही सरकार पर आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार महिलाओं के खिलाफ थी। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कमांड को लेकर गलत बहस की और स्थायी कमीशन के खिलाफ आवाज उठाई। मीनाक्षी ने कहा कि 12 मार्च 2010 को जब ये फैसला आया था और जुलाई में सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी थी। इसमें कहा गया कि वह महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने के पक्ष में नहीं है। इससे स्पष्ट है कि उसम समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी। इस पर उन्होंने 2011 के फरवरी माह में स्वयं महिला अफसरों की तरफ से काउंटर एफीडेविट दायर किया था।
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