अजमेर : अजमेर दरगाह शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीनहसन चिश्ती के 808 वें सालाना उर्स में पहुंचे 211 पाक जायरीन 3 मार्च को सामूहिक रूप से चादर पेश करेंगे। उर्स अब पूरे परवान पर है। सवा तेरह सौ बसों में सवार होकर एक लाख से अधिक जायरीन अजमेर पहुंचे हैं। जायरीन के पहुंचने का सिलसिला जारी है। 2 मार्च को महाना छटी है। इस मौके पर अत्यधिक भीड़ होने की संभावना है। प्रशासन के लिए यह चुनौती पूर्ण हो सकता है। प्रशासन चाकचौबंद बना हुआ है। 5 मार्च को बड़े कुल की रस्म अदायगी के साथ उर्स सम्पन्न हो जाएगा। पाकिस्तानी जायरीन जत्था संभवतः 7 मार्च को लौटेगा। पाक जायरीन को प्रशासन ने कड़े सुरक्षा घेरे में रखा हुआ है। शनिवार सुबह पाक दल को प्रशासन ने नियमों के दायरे में उन्हें पाबंदियों से अवगत करा दिया।
अजमेर में उर्स मेले की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी चादर चढ़ाने की तारीख तीन मार्च मुकर्रर की गई है लेकिन दल के लोग ग्रुप में दो से छह बजे के मध्य छोटे, छोटे ग्रुप में सुरक्षा घेरे के बीच जियारत करने जा सकेंगे। इसी क्रम में दल में से बीस जायरीन ने आज ख्वाजा साहब की दरगाह पहुंचकर जियारत की और सजदे में शीश नवाया। पाक जायरीन के चेहरे पर भी चिंता की लकीर देखने में आई लेकिन उनकी आंखों में एक अलग ही चमक दरगाह के दीदार करने की रही। गौरतलब है कि दो वर्ष के अंतराल पर अजमेर आए पाकिस्तानी जत्थे का शुरू में विरोध देखने में आया लेकिन आज का पहला दिन प्रशासन की सतर्कता के चलते सामान्य रहा।
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