गाजियाबाद : जिले के विजयनगर थाना क्षेत्र में सोमवार की देर रात बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली से घायल पत्रकार विक्रम जोशी ने बुधवार की तड़के अंतिम सांस ली। अस्पताल के चिकित्सकों ने बुधवार के भोर में करीब 4बजे उनके परिजनों को विक्रम जोशी की मौत की खबर दी। सुबह के वक्त जब पत्रकारों को इसकी जानकारी मिली वे अस्पताल पहुंचे। उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद जिले के विजय नगर निवासी पत्रकार विक्रम जोशी (45 वर्ष) पर सोमवार देर शाम रोजी कॉलोनी के पास कुछ बदमाशों ने हमला कर दिया था। उस वक्त विक्रम जोशी अपनी बहन के घर से वापस लौट रहे थे और उनकी दो छोटी बेटियां भी उनके साथ थी। विक्रम जोशी को पहले उनकी दो बच्चियों के सामने ही बुरी तरह पीटा गया और उसके बाद उनके सर में सटाकर गोली मार दी गई थी। यह सारा वाक्या एक सीसीटीवी फुटेज में दर्ज हो गया, जिसमें बदमाशों की दबंगई और चिल्लाती-रोती बच्चियों को देखकर यह मंगलवार को राष्ट्रीय चर्चा का हिस्सा बना। इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी समेत कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा था और आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं।
गोली लगने के बाद विक्रम जोशी को नेहरूनगर स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी स्थिति लगातार नाजुक बनी हुई थी। और आज सुबह उनकी मौत की सूचना आई। इस घटना की चौतरफा निंदा और पत्रकारों में रोष के बाद पुलिस ने तेज गति से कार्रवाई की और 9 लोगों को अब तक गिरफ्तार भी कर लिया है। पत्रकार पर हमले की वजह उनके द्वारा छेड़छाड़ की घटना का विरोध करना और उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराना माना जा रहा है। विक्रम जोशी के परिजनों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष दिए बयान में आरोप लगाया था कि विक्रम जोशी की बहन रोजी कॉलोनी में रहती है। हमलावरों ने कुछ दिन पहले विक्रम की भांजी के साथ छेड़छाड़ की थी ।जिसकी शिकायत विक्रम जोशी ने पुलिस में की थी लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई करने के बजाय मामले को लीपापोती करने में लगी रही, जिससे मामला बढ़ता गया और बदमाशों ने विक्रम जोशी पर कातिलाना हमला कर दिया।
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