Sahara Hospital के डाक्टर की बड़ी कामयाबी, मरीज़ों को अब इस विधि से कैंसर के इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा
लखनऊ। सहारा हॉस्पिटल में झांसी के निवासी 65 वर्षीय एक मरीज आये जिनको ढाई माह पहले से पीले रंग की पेशाब हो रही थी और बुखार भी था। प्रतिदिन उन्हें बुुखार चढ़ता था। इन समस्याओं के साथ मरीज को एक माह पहले पेट में दर्द शुरू हो गया। जब वह खाना खाता था तो तुरन्त उल्टियां होने लगती थीं। जब वह झांसी में एक प्राइवेट क्लीनिक में इलाज के लिए गया तो डाक्टर ने पेट में कैंसर होने की आशंका जतायी और बताया कि उसके पेट में गांठ है, उसे इसके इलाज के लिए किसी अच्छे गैस्ट्रोसर्जन को दिखाना चाहिए। फिर मरीज ने लखनऊ में मेडिकल कालेज में सम्पर्क किया, जहां मरीज को अपनी समस्या के इलाज के लिए एक माह बाद का नम्बर मिल रहा था। ऐसे में मरीज ने इंटरनेट पर डा. अजय यादव को उनकी वेबसाइट पर सर्च किया और तुरन्त सहारा हॉस्पिटल आने का निश्चय किया।

गोमतीनगर स्थित सहारा हॉस्पिटल की इमरजेंसी में पहुँचकर मरीज ने डा. अजय यादव को दिखाया, जहां उन्होंने बताया कि पेट में गांठ है जो कैंसर जैसी है और इसके लिए सर्जरी द्वारा गांठ निकालने की जरूरत है। तब उनकी सलाह पर मरीज 11 नवम्बर को भर्ती हुआ। इसके बाद दूरबीन (लेप्रोस्कोपिक) विधि से सर्जरी की गयी जो करीब 12 घंटे तक चली। इस दौरान सफलतापूर्वक गांठ निकाली गयी। इस प्रकार प्रदेश में किसी निजी अस्पताल में पहली बार दूरबीन विधि से पैंक्रियाज के कैंसर को निकालने में सफलता मिली। उल्लेखनीय है कि चीरे वाली सर्जरी में मरीज को लगभग 8-10 दिन के लिए हॉस्पिटल रुकना पड़ता है, जबकि दूरबीन विधि से करने पर केवल 5-6 दिन ही रुकना पड़ता है। इस आपरेशन के 6 दिन बाद ही मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया था।

अमूमन इस प्रकार के मामलों में मरीज को मैट्रो शहर यानि मुम्बई व दिल्ली जैसे शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ता था और इलाज का खर्च भी दुगना हो जाता था। लखनऊ के सहारा हॉस्पिटल में इलाज होने की वजह से मरीज व उसके परिजन भी परेशानियों से बच गए। सफल इलाज के लिए मरीज और उनके परिजनों ने डा. अजय यादव और हॉस्पिटल प्रबंधन सहित पूरी टीम के प्रति आभार जताया। सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि हमारे मुख्य अभिभावक माननीय ‘सहाराश्री” जी ने लखनऊ वासियों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए विश्व स्तरीय हॉस्पिटल दिया है, जहां 50 से अधिक विभाग, 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण व विश्वसनीय फार्मेसी (दवाखाना), अत्याधुनिक उपकरणों एवं अनुभवी चिकित्सकों द्वारा निरन्तर लोगों का उचित दर में इलाज उपलब्ध है। सहारा हॉस्पिटल का गैस्ट्रो विभाग अत्याधुनिक उपकरणों, विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम, जटिल सर्जरी व चिकित्सा द्वारा मरीजों को निरंतर सेवाएं देकर बेहतर इलाज दे रहा है।
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