गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश के मकान की कृष्णा नगर पुलिस ने शुक्रवार को कुर्की की। दीप प्रकाश पर 50 हजार का इनाम घोषित है। आरोपित बिकरु कांड के बाद से फरार है। कृष्णानगर कोतवाली में दीप प्रकाश पर दो मुकदमे दर्ज हैं। इंस्पेक्टर कृष्णानगर महेश दुबे के मुताबिक आरोपित की लंबे समय से तलाश की जा रही है। हालांकि वह पुलिस के हाथ नहीं लगा है, जिसके बाद कोर्ट से अनुमति लेकर उसकी संपत्ति कुर्क की जा रही है।
पुलिस ने कुछ दिन पहले आरोपित के मकान पर 82 की नोटिस चस्पा की थी। इसके बावजूद भी दीप प्रकाश हाजिर नहीं हुआ, जिसके बाद शुक्रवार को यह कार्रवाई की गई। आरोपित के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर कार हड़पने की एक एफआइआर दर्ज थी। एसआइटी ने जांच रिपोर्ट में दीप प्रकाश पर जालसाजी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज करने की संस्तुति की थी, जिसके बाद 24 नवंबर को उसके खिलाफ एक और मुकदमा पंजीकृत हुआ था। दरअसल, वर्ष 2017 में एसटीएफ ने विकास दुबे को कृष्णा नगर से पकड़ा था। विकास को कृष्णा नगर कोतवाली में आर्म्स एक्ट के तहत दाखिल भी किया गया था।
पूछताछ में सामने आया था कि विकास अपने भाई दीप प्रकाश के नाम से दर्ज प्रतिबंधित बोर का असलहा लेकर चलता था। दीप प्रकाश ने विकास दुबे की जमानत कराई थी इस दौरान उसने विकास पर पूर्व में दर्ज मुकदमों का ब्यौरा छिपा लिया था। यही नहीं इस संबंध में एसआईटी ने तत्कालीन इंस्पेक्टर कृष्णानगर अंजनी कुमार पांडेय के खिलाफ भी लघु दंड की कार्यवाही की संस्तुति की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय को बुधवार देर रात में लाइन हाजिर कर दिया था। अंजनी हजरतगंज कोतवाल थे।
ये है मामला
विकास दुबे ने दबिश पर बिकरु गांव गई पुलिस टीम पर साथियों के साथ मिलकर हमला बोल दिया था। इसमें डिप्टी एसपी समेत कुल आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। शासन की ओर से विकास दुबे पर पांच लाख का इनाम घोषित किया गया था, जिसे उज्जैन से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था। विकास दुबे को उज्जैन से लाते समय कानपुर में विकास ने भागने की कोशिश की थी जिसे मुठभेड़ में पुलिस ने मार गिराया था।
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