गगन थापा बोले, नेपाली जनता पर मध्यावधि चुनाव थोपना असंवैधानिक
भारत नेपाल सीमा, बहराइच। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की ओर से बहुमत होते हुए संसद भंग किए जाने के खिलाफ नेपाली कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को समूचे नेपाल मे जोरदार प्रदर्शन किया। विभिन्न जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ता संसद भंग किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। जिला मुख्यालयों पर जनसभा का आयोजन कर अपना विरोध जताया। पड़ोसी जिले नेपाल के बांके के मुख्यालय पर आयोजित जनसभा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री गगन थापा ने संबोधित किया। काफी संख्या मे उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होने पूर्व मे नेपाल की कांग्रेस सरकार के कार्यो का हवाला दिया। श्री थापा ने कहा कि ओली सरकार के पास दो तिहाही बहुमत था। इसके बावजूद उन्होने नेपाल की संसद भंग करने की सिफारिश कर दी। जिसे राष्ट्रपति विद्या देवी भण्डारी ने स्वीकार कर लिया।
फिलहाल मामला नेपाल की सर्वोच्च न्यायालय में है। उन्होंने ओली और उनके घटक दलों को आड़े हाथो लिया और कहा कि प्रधानमंत्री ओली और प्रचंड के बीच पद की लोलुपता का नतीजा है कि आज नेपाली आवाम को मध्यावधि चुनाव से गुजरना पड़ सकता है। उन्होने कहा कि सरकार ने अपने बीते हुए कार्यकाल मे नेपाली आवाम के लिए कोई बेहतर कदम नही उठाये। दोनों नेताओं के बीच खीचतान जारी रही। आखिरकार ओली ने संसद भंग करने की सिफारिश कर दी। जबकि नेपाली संविधान के मुताबिक श्री ओली को संसद भंग करने का अधिकार नही है। कांग्रेस पार्टी के आवाहन पर समूचे नेपाल के 77 जिला मुख्यालयों पर रैली निकाल कर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए। कांग्रेस पार्टी ओली के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की रूप रेखा तैयार कर चुकी है। राजनीतिक विशेषज्ञ कांग्रेस के इस प्रदर्शन के पीछे मध्यावधि चुनाव की जोर अजमाइश और जनता के समर्थन हासिल करने के नजरिए से देख रहे है।
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