-विवेकानंद शुक्ला
मैं किसी भी प्रकार के हिंसा का समर्थक नहीं हूँ मगर किसी भी प्रायोजित झूठ का भी समर्थक नहीं हूँ। अमेरिकी इतिहास में कल पहली बार किसी भी देश को दीमक जैसे चाट जाने वाले वामपंथी, कम्यूनिस्टों और लिबरलों के ख़िलाफ़ राष्ट्रवादियों द्वारा प्रदर्शन किया गया जिसे मीडिया में छिपे वामपंथी एजेंडेबाज ‘हिंसा’बता रहे हैं। कल के कैपिटल हिल में हुए प्रदर्शन में रिपब्लिकंस ने बता दिया कि अब अमेरिका में एक राष्ट्रवादी जत्था तैयार हो चुका है जो देर से ही सही मगर इन दोमुँहे वामपंथी,कम्यूनिस्ट और लिबरल सांपों का फ़न कुचलने के लिए फ़ैसला कर चुका है।
कितनी सफ़ाई से ये अभिव्यक्ति के दोगले वामपंथी,कम्यूनिस्ट और लिबरल विषैले बुद्धिजीवी #Blacklivesmatter के हिंसा और आगज़नी को पूरी विश्व मीडिया में ‘प्रदर्शन ‘ घोषित कर दिया गया और अमेरिका के प्रेसिडेंशियल एलेक्शन में बैलेट्स की चोरी का आरोप लगाते हुए रिपब्लिकंस द्वारा जब Capitol Hill पर प्रदर्शन किया गया तो ये सभी अर्बन नक्सल इसको ‘हिंसा’ ‘riots’ साबित कर पूरे विश्व बिरादरी को भ्रम में डाल कर अपना अजेंडा चलाने लगे।
पूरे विश्व में लोकतंत्र के लिए दो ही देश उदाहरण है- एक सबसे पुराना लोकतंत्र अमेरिका और एक सबसे बड़ा लोकतंत्र हिंदुस्तान। इसीलिए कहा जाता है कि हिंदुस्तान और अमेरिका विश्व बिरादरी के सबसे स्वाभाविक मित्र राष्ट्र हैं। लोकतंत्र के असली दुश्मन और लिबरल्स का मुखौटा ओढ़े हुए ये तानाशाह और हिंसक वामपंथी और कम्युनिस्ट इन दोनो देशों में स्थापित लोकतंत्र को नेस्तनाबूत करने पर तुले हुए है जो इनका पुराना ख़्वाब है। हिंदुस्तान की जनता इनका खेल समझ चुकी है और इनको राजनीति का ‘जाने का रास्ता’ दिखा चुकी है। ख़ुशी की बात है कि अमेरिकी जनता भी इनकी असलियत समझने लगी है। उम्मीद है कि अमेरिका में भी बाइडेन का कार्यकाल इन धोखेबाज़ों का अंतिम कार्यकाल होगा।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal