प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर जवाब देने के बाद यहां यूपी गेट पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर उलझाया जा रहा है। एमएसपी पर कानून बनने से ही देश के किसानों को फायदा होगा। एमएसपी पर कानून नहीं होने से ही व्यापारी किसानों को लूटते हैं। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून वापस हों और एमएसपी पर कानून बने, तभी समस्या का समाधान होगा।
नहीं चलेगा भूख पर व्यापार
उन्होंने कहा कि देश में भूख पर व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। जिस तरह फ्लाइट के टिकट की कीमत दिन में चार बार ऊपर-नीचे होती है, उस तरह अनाज का दाम भूख के आधार पर नहीं तय होगा। उन्होंने कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में दूध 22 से 28 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। इससे दूध का उत्पादन करने वाले किसानों का खर्चा भी नहीं पूरा हो रहा है। इससे देश में पशुओं की संख्या घट गई है। दूध का निर्यात होगा, तो पशुओं का कटान होगा। पशु नहीं रहेंगे, तो जमीनें बर्बाद होंगी। उन्होंने कहा कि दूध की कीमत भी निर्धारित की जाए। राजनीतिक दलों के समर्थन पर राकेश टिकैत ने कहा कि यह किसानों का आंदोलन है, इसमें किसी राजनीतिक दल का टेंट नहीं लगा है।
यह कहा है पीएम मोदी ने संसद में
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि एमएसपी था, है और रहेगा। इतना ही नहीं उन्होंने मंडियों के भी आधुनिकीकरण की बात कही है। पीएम मोदी ने गुजारिश की है कि किसानों को अपना धरना-प्रदर्शन खत्म करना चाहिए। किसानों ने केंद्र सरकार ने बातचीत की है और आगे भी चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन खत्म होना चाहिए और चर्चा जारी रहनी चाहिए।
राकेश टिकैत यह भी कहा है कि दूध के मामले में भी हमारे देश की स्थित ठीक नहीं है। आगे भी हालात यही रहे तो तुर्की जैसे हालात हो जाएंगे और दूध भी बाहर से मंगाना पड़ेगा। राकेश टिकैत ने अपने अहम बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपील करनी चाहिए कि सभी सांसद अपनी-अपनी पेंशन को छोड़ दें।
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