कोरोना महामारी को लेकर चीन और अमेरिका में तकरार जारी है। चीन ने अब अमेरिका में वायरस के उत्पत्ति की जांच करने की मांग कर दी है। उसका यह बयान वुहान में कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टिप्पणी के बाद आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि चीन की तरह अमेरिका वायरस की उत्पत्ति की जांच पर सकारात्मक रवैया दिखाएगा और इसके क लिए डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों को आमंत्रित करेगा।

इसी तरह, चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में मुख्य महामारी विशेषज्ञ ज़ेंग गुआंग ने कहा कि अब वायरस की उत्पति का पता लगाने के लिए वैश्विक प्रयासों का ध्यान अमेरिका पर होना चाहिए। सीएनएन ने इसकी जानकारी दी है। वुहान में कोरोना के स्त्रोत की जांच करने वाली डब्ल्यूएचओ की टीम ने अपने बयान कहा था कि चीन में किसी भी पशु प्रजाति में कोरोनो वायरस के संचार का कोई सबूत नहीं है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, वुहान में डब्ल्यूएचओ मिशन के प्रमुख पीटर बेन एम्बरेक ने वायरस के वुहान लैब से से लीक होने के दावे को भी खारिज कर दिया था। इस बयान के बाद डब्ल्यूएचओ की जांच को लेकर अमेरिका भड़क गया था। उसने वुहान में कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच में चीनी सरकार के हस्तक्षेप की संभावना पर चिंता जाहिर कर दी थी।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलीवन ने कहा था कि जांच को लेकर चीन के रवैये से चिंतित होना लाजिमी है। वैज्ञानिक जांच में किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए। भविष्य में ऐसी महामारी से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि कोरोना महामारी को ठीक से समझा जाए। उन्होंने कहा कि चीन को कोरोना के प्रारंभिक स्तर के संपूर्ण आंकड़ों को जांच टीम को उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में डब्ल्यूएचओ की विश्वसनीयता सर्वोपरि होनी चाहिए।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal