वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन की नीरा टंडन के बाद भारतीय मूल की वनिता गुप्ता को लेकर भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसका कारण वनिता की एक पुरानी पोस्ट है जिसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस विवाद के बाद क्या वनिता बाइडन प्रशासन का हिस्सा रह पाएंगी, इसे लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। इससे पहले बाइडन प्रशासन में शामिल नीरा टंडन की पुरानी पोस्टों पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटरों के विरोध के बाद राष्ट्रपति बाइडन ने उनका नाम वापस ले लिया था। अब वनिता को लेकर भी बाइडन के समक्ष ऐसे ही कुछ हालात बन रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पुरानी पोस्ट को लेकर आलोचना के बाद वनिता ने अब उन सभी पोस्ट को हटा दिया है। साथ ही उन्होंने उन सभी पोस्ट के लिए माफी भी मांगी है।
वनिता ने सभी सांसदों को यह भी विश्वास दिलाया है कि वह चुनी जाती हैं तो बेहतर काम करके दिखाएंगी। 46 वर्षीय वनिता गुप्ता का इस मुद्दे को लेकर सीनेट की समिति के कुछ रिपब्लिकन सांसद जबर्दस्त विरोध कर रहे हैं। भारतीय मूल की वनिता गुप्ता अमेरिका में सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह पेशे से वकील हैं। मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वह लोगों को न्याय दिलाने के लिए अहम भूमिका निभा रही हैं। बाइडन की टीम में वह एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के रूप में शामिल हुईं हैं। इस पद को ग्रहण करने वाली वह पहली अश्वेत महिला हैं वनिता का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में हुआ था। वनिता के बचपन का काफी समय अलीगढ़ में व्यतीत हुआ। हालांकि, उनकी शिक्षा अमेरिका में हुई। वनिता की बहन अमिता गुप्ता भी अमेरिका में अपने माता-पिता के साथ रह रही हैं। करीब 40 वर्ष पूर्व वनिता के पिता राजीव लोचन परिवार के साथ अमेरिका में शिफ्ट हो गए थे। राजीव एक बड़ी कंपनी में सीईओ के पद पर कार्यरत हैं।
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