कानपुर नगर व देहात जनपद में थी सक्रियता, दो बार लड़ा विधानसभा चुनाव
कानपुर। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण काल में उन मरीजों की भी मौत हो रही है जिनको किसी न किसी प्रकार की बड़ी बीमारी है। इसी क्रम में सोमवार को सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री जगदेव सिंह यादव का भी निधन हृदय गति रुकने से हो गया। वह कानपुर नगर और कानपुर देहात जनपद से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं और राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सपा के प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी संभाल चुके थे। उनके निधन की जानकारी होते ही सपाइयों में शोक की लहर दौड़ गई। तत्कालीन कानपुर जिले और वर्तमान में कानपुर देहात के रसूलाबाद कुर्सीखेड़ा उचीगदेवा गांव में पांच जून 1948 को जन्मे जगदेव सिंह यादव शुरु से ही समाजसेवा के कार्यों के चलते लोगों में लोकप्रिय रहे। 1980 में कानपुर जिला दो भागों में बटा और कानपुर देहात नया जिला बना, लेकिन जगदेव सिंह यादव ने नगर और देहात दोनों जिलों में अपनी सक्रियता बनाये रखी।
राजनीति की शुरुआत उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल से की और पार्टी में इस कदर सक्रियता बढ़ाई कि शीर्ष नेतृत्व ने 1990 में उनको उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत कर दिया। वर्ष 1985 में कानपुर नगर की गोविंदनगर विधानसभा सीट और 1993 में कानपुर देहात की डेरापुर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा। इन दोनों चुनावों में उन्हे जीत भले ही न मिली हो पर उनकी दोनों जनपदों में लोगों के बीच पकड़ मजबूत रही। इसी के चलते अखिलेश यादव सरकार में जगदेव सिंह यादव श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन बने और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा भी मिला। इसके साथ ही सपा ने प्रवक्ता पद की भी जिम्मेदारी सौंपी। पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री जगदेव सिंह यादव का हृदय गति रुक जाने से सोमवार को निधन हो गया। सीने में तेज दर्द होने के कारण वह पिछले कई दिनों से शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। वरिष्ठ सपा नेता के निधन की खबर पर उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई और उनके परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए पहुंच रहे हैं।
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