लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने खुद को घर में ही कैद करने का पुलिस पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें गोरखपुर जाने से रोका गया है। सोशल मीडिया में ट्वीट करके अमिताभ ने इसकी जानकारी दी है। उधर, पुलिस का कहना है कि एक बलात्कार पीड़िता और उसके सहयोगी के आत्मदाह मामले में जांच के सिलसिले में ठाकुर को कहीं जाने से रोका गया है।
अमिताभ ठाकुर ने शनिवार सुबह ट्वीट कर यह जानकारी दी कि वे 4/6 रेल विहार कॉलोनी, गोमतीनगर में पुलिस घेरे में हैं। उन्हें पुलिस के सीओ ने कहीं जाने से मना कर दिया है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की भी आशंका जताई है। ठाकुर का कहना है कि दरअसल, पुलिस उन्हें गोरखपुर जाने से रोक रही है।
लखनऊ पुलिस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़िता और उसके सहयोगी के आत्मदाह की कोशिश के बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर लगे आरोपों के सिलसिले में जांच चल रही है। रेप पीड़िता और उसके सहयोगी ने आत्मदाह से पहले अमिताभ ठाकुर को जिम्मेदार ठहराया था। दोनों ने ठाकुर पर डॉन मुख्तार अंसारी, बलात्कार के आरोपी घोसी सांसद अतुल राय के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया था।इसी मामले में पुलिस पूर्व आईपीएस से पूछताछ कर रही है । उन्हें लखनऊ से बाहर जाने से रोका गया है। वहीं, अमिताभ ठाकुर इसे गैरकानूनी हिरासत में लेने का मामला बता रहे हैं।
विदित हो कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ने एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। वह मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ चुनावी जनसंपर्क के लिए गोरखपुर जा रहे थे। इस बीच उन्हें एसीपी गोमतीनगर ने रोका है।