सकारात्मक मीडिया से बनेगा नया भारत : प्रो. संजय द्विवेदी

सकारात्मक मीडिया से बनेगा नया भारत : प्रो. संजय द्विवेदी

नई दिल्ली। ”मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। आजादी से पहले मीडिया समाज में चेतना जगाने का काम करता था। आज नए भारत के निर्माण में सकारात्मक मीडिया की आवश्यकता है।” यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा आयोजित ‘हिंदी पखवाड़ा समारोह’ के दौरान व्यक्त किए। कार्यक्रम में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश नारायण, प्रो. गिरीश चंद्र पंत एवं हिंदी अधिकारी डॉ. राजेश कुमार मांझी भी उपस्थित थे।

‘स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी और भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता का योगदान’ विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि जब हम गुलामी के उस दौर की कल्पना करते हैं, जहां करोड़ों लोगों ने सदियों तक आजादी की एक सुबह का इंतजार किया, तब ये एहसास होता है कि आजादी के 75 साल का अवसर कितना ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि भारत के विकास का लक्ष्य लेकर हिन्दुस्तान में पत्रकारिता की शुरुआत हुई थी। पत्रकारिता का उद्देश्य आम नागरिकों के हितों की रक्षा करना होता है। हमारे देश में अनेक ऐसे पत्रकार हुए, जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज का मनोबल और आत्मबल बनाए रखने का कार्य किया।     

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि अगर हम भारत की पत्रकारिता के इतिहास को देखें, तो उसकी पूरी यात्रा आजादी के आंदोलन की विकास यात्रा से जुड़ी हुई है। समाचार पत्रों की बहुआयामी भूमिका के कारण ही लोग जागरुक हुए और स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान दिया।

आईआईएमसी के महानिदेशक ने बताया कि किसी भी विषय पर लोगों को जागरुक करने और जनमत तैयार करने में मीडिया की भूमिका होती है। जनता की समस्याओं और उसकी बातों को शासन तक पहुंचाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। यही कारण है कि आज भी लोग मीडिया की ओर उम्मीद से देखते हैं। 

कार्यक्रम में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com