अरब से दूरियां मिटाएगा लखनऊ का लुलु

नवेद शिकोह। भाजपा प्रवक्ताओं के विवादित बयानों से नाराज़ खाड़ी देशों और भारत के मनमुटाव की दरारों को मोहब्बत का शहर लखनऊ मिलनसारी के रंगों से भर सकता है। दुबई की कंपनी लुलु ग्रुप का आलीशान मॉल लखनऊ में सज-धज कर तैयार होने ही वाला है। खाड़ी देशों से तनातनी के बीच शहीद पथ के किनारे सुशांत गोल्फ सिटी में बना लुलु मॉल देश के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में एक होगा। यूनाइटेड अरब अमीरात (खाड़ी/अरब देश) और भारत के मधुर रिश्तों की शिनाख्त करता मोहब्बत के शहर लखनऊ में बना ये मेगा कामर्शियल हब 11 एकड़ में बना है। मॉल कम पांच सितारा होटल होने के साथ इसमें कन्वेंशन सेंटर भी है।

भारत से अरब देशों की तनातनी के बीच बहुत जल्द ही इसका उद्घाटन होने वाला है। उम्मीद की जाएगी कि दुबई की कंपनी के लखनऊ में बने इस मेगा कामर्शियल हब (मॉल) के शुभारम्भ के अवसर पर खाड़ी और भारत के बीच तल्खियां कम हों।
लुलु समूह के चेयरमैन यूसुफ अली ने इस मॉल में एक हज़ार करोड़ का निवेश किया है। ऐसे भव्य शॉपिंग मॉल कम पांच सितारा होटल और सम्मेलन हॉल (कंनेंशन सेंटर) बनने से प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बताया जा रहा है कि करीब तीन हज़ार से ज़्यादा लोगों को इसमें रोज़गार मिलेगा। इसी तरह लुलु ग्रुप राज्य का सबसे बड़ा फूड पार्क और मॉल नोएडा में बीस एकड़ में बन रहा है।

ग्रांउड पर नज़र आ रहा लुलु का निवेश

अभी हाल ही में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पूर्व पिछली योगी सरकार में भी विकास और रोजगार सृजन के उद्देश्य से ऐसे कई आयोजन हुए थे। जिसमें हजारों करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई थी। लेकिन पिछले कई वर्षों में ग्रांउंड पर जो निवेश नजर आएगा उसमें अरब देश के लुलु ग्रुप के कामर्शियल हब होंगे।

हमें ग़ौर करना होगा –

भाजपा प्रवक्ताओं के विवादित बयानों के बाद अरब देशों में नाराज़गी और भाजपा द्वारा अपने इन प्रवक्ताओं को हटाना भले ही ये दोनों बातें अलग हों लेकिन कहा जा रहा है कि अरब के दबाव में पार्टी ने ये फैसला किया। बड़ी तादाद में लोग कह रहे हैं कि भाजपा को अरब देशों के दबाव में नहीं आना चाहिए था। भारत सरकार को चाहिए कि वो अरब देशों को करारा जवाब दे।

ऐसी बातों के साथ हमें अपनी कमज़ोरी पर ग़ौर करना होगा-

हमें कमज़ोर करने वाले और दूसरे को ताकत देने वाले हमारे ही अपने लोग होते हैं। हमारे अपने लोगों को अपने देश से ज्यादा दूसरों पर भरोसा है। आपने तमाम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी देखी होंगी। यहां अपने देश की कंपनियों के मालिकों, पूंजीपतियों और उद्योगपतियों का जमघट भी देखा होगा। किंतु धरातल पर इनका निवेश उतना नहीं देखा होगा।

भारत के दौलतमंद अरब देशों में कर रहे निवेश-

भारत के पांच सौ बड़े रईसों, दौलतमंद, पूंजीपतियों, कंपनियों, उद्योगपतियों, सेलेब्रिटीज, बड़े खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों के इंवेस्टमेंट पर ग़ौर कीजिए तो बात स्पष्ट हो जाएगी। दुर्भाग्य कहें या ऐसी हस्तियों की हीनता की भावना कहें, इन्हें अपने देश से अधिक अरब देशों पर विश्वास है। व्यवसायिक निवेश से लेकर इनकी कोठियां, मकान, फ्लेट.. अरब देशों में हैं। इंडियन सेलेब्रिटी ख़ासकर फिल्मी हस्तियों को दुबई इतना भा रहा है कि वो अपनी मां (भारत माता) के साथ भी वफ़ा नहीं कर रहे।जिस धरती ने उन्हें दौलतमंद बनाया, यहां की जिस आम जनता ने इन्हें दौलत-शोहरत दी उनसे दूर खाड़ी देशों में भारत के धनाढ्य अपना मुस्तकबिल बनाना चाहते हैं। ये भारतीय दौलतमंद ऐसी जगह निवेश कर रहे जहां दौलत की कमी नहीं। जबकि इनका कर्तव्य है कि ये अपनी दौलत/पूंजी अपने देश भारत में ही निवेश करें, ताकि देश विकास की ओर बढ़े, बेरोजगारी को रोजगार मिले और मंहगाई कम हो।

इस कड़वी सच्चाइयों को महसूस कीजिए तो आपके मन में चल रहे निम्न प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा-

भारत के नाखून के साइज़ से भी छोटे अरब देश हमारे देश की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं !

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