
लखनऊ में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से करीब 150 सुअरों की मौत हो गई है। इस घटना से प्रशासन सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी से लेकर नगर आयुक्त और नगर निगम के आला अधिकारियों की तरफ से मौके का निरीक्षण किया जा रहा है।
फैजुल्लागंज इलाके में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से करीब 150 सुअरों की मौत हो गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इलाके में साफ-सफाई के विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
वहीं असम समेत भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में भी एक बार फिर से अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ गया है। असम में जहां अफ्रीकन स्वाइन फीवर का पहला मामला दर्ज किया गया है, वहां आसपास के इलाके में सुअरों को मारने का काम शुरू हो गया है। डिब्रूगढ़ में जिला पशुपालन और पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ हिमांदु बिकास बरुआ ने बताया है कि एक किलोमीटर के दायरे में सभी सूअरों को मार दिया गया है। इसके बाद नियमानुसार सभी सूअरों को संक्रमित क्षेत्र में मारकर दफना दिया गया है। इस क्षेत्र को संक्रमित घोषित करने के बाद पूरे इलाके को सेनेटाइज किया गया है ।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है और यह सूअरों से मनुष्यों में नहीं पहुंच सकता है। अभी तक इस वायरस का कोई टीका उपलब्ध नहीं है। यह एक अत्यधिक संक्रामक और घातक पशु रोग है, जो घरेलू तथा जंगली सूअरों को संक्रमित करता है। इसके संक्रमण से सूअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार (Hemorrhagic Fever) से पीड़ित होते हैं। अफ्रीकी स्वाइन फीवर, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) के पशु स्वास्थ्य कोड में सूचीबद्ध एक ऐसी बीमारी है जिसके संदर्भ में तुरंत ओआईई को सूचना देना आवश्यक है।
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