उत्तर प्रदेश के लिए बैंकों ने खोला अपना खजाना

  • सभी शेड्यूलिंग बैंक उत्तर प्रदेश में लगने वाले उद्योगों को लोन देने को हैं तैयार
  • निवेशकों की आर्थिक मदद के साथ यूपी सरकार के साथ सहभागिता की भी जताई इच्छा
  • सीएम योगी के नेतृत्व पर बैंकर्स ने जताया भरोसा, बड़े बिजनेस की कर रहे उम्मीद
  • -2017 से पहले यूपी के नाम पर नहीं उठाते थे फोन, आज बदल चुकी है परिस्थिति
  • यूपी के इंफ्रास्ट्रक्चर में हुए आमूलचूल बदलाव को गेमचेंजर बता चुके हैं बड़े बैंकर्स
  • प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में हुए सुधार से पैसे डूबने का डर हुआ खत्म

 

लखनऊ, 7 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने बीते साढ़े 5 वर्ष में प्रदेश की जो छवि बदली है, उसने देश-दुनिया के बड़े निवेशकों के साथ-साथ सभी सरकारी-प्राइवेट शेड्यूलिंग बैंकों का नजरिया बदल दिया है। यूपी में इंफ्रास्ट्रक्चर में हुए आमूलचूल बदलाव के साथ ही लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में हुए सुधार के चलते देश के सभी बैंक यूपी में प्रोजेक्ट के लिए अपना खजाना खोलने को तैयार हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में उद्यम लगा रहे व्यापारिक समुदाय को लोन देने पर सहमति दे दी है। साथ ही वह यूपी सरकार के साथ जुड़कर तमाम प्रोजेक्ट में सहभागिता भी करने को उत्सुक हैं। उल्लेखनीय है कि 2017 से पहले यूपी के हालात इस कदर दयनीय थे कि बैंक यूपी के नाम पर लोगों का फोन तक नहीं उठाते थे। खराब क्रेडिट के चलते बैंक भी रिस्पांस नहीं देते थे। हालांकि अब परिस्थिति बदल चुकी है। बता दें कि आगामी फरवरी में लखनऊ में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए बड़े औद्योगिक समूहों को आमंत्रित करने व रोड शो करने के लिए 5 जनवरी को मुंबई पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के बड़े बैंकर्स के साथ मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान न सिर्फ बैंकर्स ने यूपी में लगने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए आर्थिक मदद के लिए सहमति प्रदान की थी, बल्कि प्रदेश में हुए सुधार की खुले मन से तारीफ भी की थी।

 

बड़ी बिजनेस डील का है भरोसा

सीएम योगी ने मुंबई में कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा, एसबीआई, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, यस बैंक, आईडीबीआई, एग्जिम बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के साथ ही सिडबी, नाबार्ड, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और मोतीलाल ओसवाल प्रा. इक्विटी एडवाइजर्स जैसे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के प्रमुखों से मुलाकात की थी। ये वही बैंक हैं जो 5 साल पहले यूपी के किसी प्रोजेक्ट के लिए लोन देने को तैयार नहीं होते थे, लेकिन सीएम योगी के सत्ता संभालने के बाद प्रदेश में जो बदलाव आया है उसने इन बैंकर्स की सोच बदल दी है। ये बैंकर्स भी अब उत्तर प्रदेश को निवेश का सबसे बेहतरीन गंतव्य मान रहे हैं। यूपी में पैसा डूबने का उनका डर अब खत्म हो चुका है। बल्कि वो अब उत्तर प्रदेश में होने वाले बड़े निवेश को अवसर मान रहे हैं। उन्हें इस निवेश के माध्यम से बड़ी बिजनेस डील की भी उम्मीद है। बैंकर्स के व्यवहार में आए इस बदलाव को उत्तर प्रदेश के बदले परिवेश, बदले माहौल, सुरक्षा और सुशासन की उद्घोषणा के तौर पर देखा जा सकता है।

 

प्रदेश के विकास से उत्साहित हैं बैंकर्स

देश के बड़े बैंकर्स प्रदेश के विकास के साथ-साथ योगी सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों से भी प्रभावित हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करने के लिए जो नीतियां बनाई गई हैं, बैंकर्स को भरोसा है कि उससे न सिर्फ प्रदेश को लाभ होगा बल्कि बैंकों के लिए भी यह एक अवसर होगा। कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक के अनुसार सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में जो स्टेबिलिटी आई है उससे निवेशकों के साथ-साथ बैंकर्स का भी भरोसा व विश्वास मजबूत हुआ है। इकॉनमिक डेवलपमेंट के लिए प्रोग्रेसिव पॉलिसीज, लाखों एमएसएमई, इंफ्रास्ट्रक्चर, सेक्टर डेवलपमेंट, स्टार्टअप इकोकल्चर ने हमारे लिए नए द्वार खोल दिए हैं। इसी तरह, एसबीआई के सीएमडी दिनेश कुमार खारा के अनुसार प्रदेश में सेफ्टी और सिक्योरिटी में जो बदलाव आया है, उसने यूपी के प्रति हम सभी का नजरिया बदला है। रोड और बिजली जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रमुख तत्वों में सुधार बेहद सराहनीय है। ये किसी भी इंडस्ट्री को सेटअप करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण तत्व हैं। सिडबी के चेयरमैन और एमडी शिव सुब्रमण्यम रमण के अनुसार सिडबी उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रही है और आगे भी वो सरकार के लक्ष्य में अपना योगदान देते रहेंगे। वहीं एग्जिम बैंक की एमडी हर्षा बांगरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी विकास हुआ है। सरकार की प्राथमिकता में विकास है और इसमें हम हर संभव योगदान देने के पक्षधर हैं।

 

नए उत्तर प्रदेश के निर्माण में सीएम ने मांगा था सहयोग

सीएम योगी ने मुंबई में नए उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए देश के बड़े बैंकिंग और वित्तीय जगत का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि आप हमारी विकास यात्रा के साक्षी भी हैं और सहभागी भी। 2017 में जब हमारी सरकार बनी तब प्रदेश की माली हालत बहुत खराब थी। हमने कुछ योजनाएं बनाईं, बैंकों को फोन किया, लेकिन क्रेडिट इतनी खराब थी कि बैंकों ने रिस्पॉन्स नहीं दिया। आज यूपी में सब बदल गया है। आज हम रेवेन्यू सरप्लस स्टेट हैं। हमने अपने वार्षिक बजट को दोगुने से ज्यादा तक विस्तार दिया है। विकास और बदलाव के यह काम बिना बैंकों/वित्तीय संस्थानों के सहयोग के संभव नहीं था। आपने हमारा सहयोग किया, देखिए, उत्तर प्रदेश बदल गया। हमने प्रधानमंत्री जी के 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य की पूर्ति में अपने लिए 1 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य आपके सहयोग से ही पूरा होगा। उत्तर प्रदेश में हम आपको हर संभव सहायता देंगे, हर संसाधन देंगे, बेहतर माहौल देंगे। बैंकिंग संस्थाएं हमारी एमएसएमई इकाइयों, कृषि, एफ़पीओ, स्टार्टअप आदि को मजबूत बनाने के लिए हमें सहयोग दें। हमने सीडी रेशियो को 40 से बढ़ाकर 53% तक करने में सफलता पाई है, अब इसे 60% तक लाने में बैंकों को ठोस कोशिश करनी होगा। हम अपनी ओर से हर तरह का योगदान करने को तत्पर हैं।

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