12 अप्रैल, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन में महानता का मानक केवल नीचे से ऊपर जाना नहीं होता है। कोई व्यक्ति जब शून्य से शिखर की यात्रा को अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से प्राप्त करता है तो वह महानता के मानक तय करता है। लालजी टंडन की जीवन यात्रा शून्य से शिखर की है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंघ के कार्यकर्ता, एक पार्षद, एक विधायक, एक सांसद और राज्यपाल के रूप में टंडन जी ने जीवनपर्यंत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विकास की लाइन को आगे बढ़ाने का काम किया।
सीएम योगी ने बुधवार को पूर्व राज्यपाल लाल जी टंडन की जयंती के अवसर पर काली चरण महाविद्यालय में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही महाविद्यालय में शताब्दी विस्तार भवन का नामकरण किया। अब भवन का नाम लालजी टंडन भवन हो गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अहंकार टंडन जी को कभी छू नहीं पाया। एक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने अपनी जो राजनीतिक यात्रा प्रारम्भ की थी वही सज्जनता और सादगी जीवन पर्यंत उनमें दिखाई पड़ती रही।
सीएम योगी ने कहा कि कालीचरण महाविद्यालय के साथ उनका लंबा जुड़ाव रहा है। लालजी टंडन जी ने यहां के भवनों को जिस रूप में बनाया है वह दर्शनीय है। उन्होंने कहा कि यह कैंपस आजादी के आंदोलन का साक्षी रहा है। इस संस्थान से मूर्धन्य साहित्यकार और वैज्ञानिक निकले हैं। हिंदी गद्य के प्रख्यात साहित्यकार श्याम सुंदर दास यहां के पहले प्राचार्य थे। अनेक साहित्यकार, समाजसेवी, वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञों को जन्म देने का कार्य इस संस्थान ने किया है।
सीएम योगी ने कहा कि समाज में परिवर्तन का माध्यम शिक्षा ही बन सकती है। इस क्षेत्र में हम जितना सहयोग करेंगे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उतना परिवर्तन दिखाई देगा। आज उत्तर प्रदेश में जो भी परिवर्तना आया है शिक्षा उसके मूल में है। सीएम योगी ने टंडन जी की स्मृतियों को नमन करते हुए प्रबंधन से अपील करते हुए कहा कि इस महाविद्यालय का इतिहास 118 वर्ष पुराना है। सरकार की नई नीति से आप जुड़िए और यहां के सभी जर्जर भवनों को सुधारने में सरकार आपका सहयोग करेगी।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, सासंद कौशल किशोर, विधायक आशुतोष टंडन, पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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