लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में हुई ग्लोबल इनवेस्टर समिट में 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू को धरातल पर लाने के लिए नियुक्त 102 उद्यमी मित्रों को शनिवार को नियुक्ति पत्र सौंपे। साथ ही 232 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि की चेकें उद्यमियों को सौंपी। इस अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि ये शुरुआत उत्तर प्रदेश को दस खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री योगी ने निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि आपके ‘विश्वास’ के साथ ‘विश्वासघात’ करने की छूट हम किसी को नहीं देंगे।
लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश-विदेश के प्रख्यात संस्थानों से पढ़कर निकले 1500 युवाओं ने उद्यमी मित्र के लिए आवेदन किया था। इसमें से 87 पुरुष और 15 महिलाओं को चुना गया। 15 को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। अपनी क्षमताओं को प्रदेश हित में लगाने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप मानदेय की राशि मत देखिए। ये अवसर खुद को साबित करने का है। नया अनुभव, नया प्लेटफार्म और सरकार के साथ काम करने का अवसर है। उद्यमी मित्र की जिम्मेदारी है कि समस्या को संबंधित अधिकारी तक पहुंचाकर उसे दूर कराएं। उन्होंने कहा कि उद्यमी मित्र अगले तीन साल निवेश के मकसद को सफल बनाएंगे। हर माह उनके कार्याे का मूल्यांकन होगा। तीन वर्ष के सफल कार्यकाल के बाद जो भी उद्यमी मित्र औद्योगिक विभागों में स्थायी नौकरी का इच्छुक होगा, उसे उम्र में छूट के साथ-साथ स्पेशल पैकेज का प्रस्ताव दिया जाएगा। सभी 102 उद्यमी मित्रों को हर जिले और औद्योगिक विकास से जुड़े विभागों में तैनात किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने उद्यमी मित्रों से कहा कि उद्योग बंधु बैठकों में खामोशी से हिस्सा लें। उद्यमियों की समस्याएं सुनकर नोट करें। शिकायत संबंधित विभाग के अधिकारी को बताएं और उसे दूर करें। फिर उद्यमी से क्रास चेक करें कि क्या उसकी समस्या का समाधान हो गया। अगर नहीं हुआ तब ऊपर के अधिकारियों को इसकी सूचना दें। उन्होंने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश को देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाना है। सरकार इस दिशा में निरंतर काम कर रही है। इस अवसर पर एक कॉफी टेबिल बुक का भी विमोचन किया गया।
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