सोशल मीडिया की बुराइयां तो आए दिन सामने आती हैं, लेकिन इससे कई सुधारात्मक और रचनात्मक कार्य भी हो सकते हैं। भैंसदेही तहसील के बासनेर खुर्द के युवक-युवतियों द्वारा की गई एक अनूठी पहल इसका जीता जागता उदाहरण है।
युवाओं के द्वारा बनाए गए ‘मेरा गांव, मेरे अपने’ ग्रुप की बदौलत ही इस गांव की गलियां रविवार को एलईडी बल्ब से रोशन हो जाएंगी। ग्रुप के सदस्यों ने इसके लिए 40 हजार रुपए एकित्रत किए और बल्ब भी खरीदे जा चुके हैं। एक साल पहले यह पहल गांव से विदा हो चुकी बेटी प्रियंका राजेंद्र धोटे और युवा लोकेश अड़लक ने की थी।
दो युवाओं ने की शुरुआत और बदल दी गांव की तस्वीर
गांव की तस्वीर बदलने के लिए दोनों ने मिलकर युवकों एवं युवतियों को व्हॉट्सएप ग्रुप से जोड़ा। गांव की उन बेटियों को भी ग्रुप से जोड़ा, जिनकी शादी हो चुकी है। इसके बाद प्रियंका और लोकेश ने अपने गांव के विकास की बात सभी के सामने रखी तो सभी ने सहयोग देने की सहमति दी।
सबसे पहले उन्होंने सालों से बंद पड़ी गांव की स्ट्रीट लाइट को चालू कर गांव को रोशन करने का बीड़ा उठाया। इसके लिए कुछ महीनों में उन्होंने 45 हजार रुपए एकित्रत किए। इस राशि से उन्होंने 35 एलईडी भी खरीद लिए हैं। यह लाइट नवरात्रि की पंचमी तिथि पर रविवार को लगाए जाएंगे। इनके लगते ही गांव का अंधेरा भी दूर हो जाएगा।
युवा लोकेश ने बताया कि गांव के लोगों ने कई बार सरपंच एवं सचिव से स्ट्रीट लाइट बदलवाने की मांग की, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। पंचायत की अनदेखी से ग्रामीणों में भी आक्रोश है। ऐसे में गांव के युवक-युवतियों ने ही हल निकाला और खुद ही अर्थ संग्रह कर स्ट्रीट लाइट खरीद लिए।
‘मेरा गांव, मेरे अपने’ ग्रुप से जुड़े सदस्यों का कहना है कि गांव की तस्वीर जब तक बदल नहीं जाती तब तक सब एकजुट होकर प्रयास करेंगे। यह युवा अब गांव एवं आस-पास पौधारोपण, वाटर हार्वेस्टिंग, हॉस्पिटल एवं गरीब बच्चों की शिक्षा में मदद के लिए भी प्रयास करेंगे।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal