वनों की आग पर उत्तराखंड क्रांति दल चिंतित, मांगा वन मंत्री का इस्तीफा

देहरादून। उक्रांद के केंद्रीय महामंत्री विजय बौड़ाई ने वनों में लगी आग पर गंभीर चिंता जाहिर की है। उन्होंन कहा कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग विकराल रूप लेते जा रही है। उन्होंने शनिवार को उक्रांद कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि जनपद नैनीताल में सेना की मदद ली जा रही है वहां पर एक आईटीआई विद्यालय भी जलकर राख हो गया है।

उक्रांद के नेता विजय ने कहा कि सैकड़ों हेक्टेयर वन भूमि जल गए हैं और इससे अधिक वनों पर खतरा मंडरा रहा है। अमूल्य वन संपदा और वन्य जीव नष्ट हो गए हैं। जल स्रोतों पर बहुत घातक असर पड़ रहा है। सरकार के पास कोई ठोस कार्य योजना नहीं है, जिससे कि वह इस आपदा को कम कर सके। उन्होंने कहा कि आग रोकने के लिए विभाग द्वारा तैयारी की जानी चाहिए थी कि किस प्रकार से वनों को आग से बचाया जाए लेकिन वह पूर्णतया असफल रहा है। इसमें पूरी तरह से विभाग की घोर लापरवाही प्रदर्शित होती है। वन विभाग द्वारा अपने बजट के 200 करोड़ रूपया जो उनके पास काम करने के लिए आवंटित था, विभाग वह धन खर्च नहीं कर पाए, इसलिए शासन को 200 करोड़ वापस करना पड़ा, जो कि बहुत दुखद है । पैसा होने के बावजूद, कार्य पूरा न कर पाना उनके अकर्मण्यता को प्रदर्शित करता है।

उक्रांद मांग करता है कि वन मंत्री को अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए। विभाग को संभालने में असफल रहे हैं चाहे वह वन्य जीव का संघर्ष का मामला हो या वनों में लगी आग लगने का मामला हो, पहाड़ के क्षेत्र में बंदरों और सूअर का प्रकोप और साथ में बाघों द्वारा कई व्यक्तियों को मार देने की घटनाएं हुई है, जिनकी रोकथाम करने में सरकार असफल हुई है। इसलिए वन मंत्री अपने कार्य करने में असफल रहे हैं और नैतिकता के आधार पर उनको अपने पद इस्तीफा दे देना चाहिए।

पत्रकार वार्ता में विजेन्द्र रावत, अनूप पंवार,पुष्कर गुसाई, मनोज मिश्रा एडवोकेट,और अशोक नेगी आदि उपस्थित थे।

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