लखनऊ : केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ परिसर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु पूजन, गुरु दक्षिणा और वेद पारायण के कार्यक्रम अनुष्ठित हुए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी जी ने वर्चुअल माध्यम से छात्रों और शिक्षकों को सम्बोधित किया तथा गुरु पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डाला।
लखनऊ परिसर के निदेशक एवं वेद- वेदांग-वैदिक-विज्ञान विद्यास्थान के प्रमुख प्रो. सर्वनारायण झा ने गुरु के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि गुरु मुख से विद्याध्ययन करने पर शिष्य यथाशीघ्र विद्वान् बनते हैं, लेकिन गुरु कृपा से विद्या फलवती होती है। अध्ययन के बल पर शिष्य विद्वान् होते हैं, लेकिन जिन शिष्यों के ऊपर गुरु कृपा रहती है, उनकी विद्या अधिक फलवती होती है, ऐसा देखा गया है। परिसर के शिष्यों ने गुरुजनों की अर्चना की और वेदपाठ किया। यह कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा। इसके साथ ही परिसर में गुरुदक्षिणा कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए, जिसमें भारतीय ज्ञान परम्परा और आचार परम्परा का पालन करने वाले तथा सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले संघ के प्रान्त प्रचारक एवं अनेक गणमान्य परिसर में उपस्थित हुए।
वेद पारायण करने वाले छात्रों में प्रमुख श्री शिवम मिश्र, श्री हिमांशु पाण्डेय, श्री हेमन्त पाण्डेय एवं वेद विभाग के आचार्य डा. राहुल कुमार मिश्र थे।
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