भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर आंबेडकर के पोते और भारिप बहुजन महासंघ (BBM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने देश के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को लेकर बड़ा बयान दिया है. 
राष्ट्रगान है तो राष्ट्रगीत की क्या जरूरत
आंबेडकर ने कहा कि वो वंदे मातरम नहीं गाएंगे. उन्होंने सवाल किया कि अगर ‘मैं जन गण मन’ गाउंगा तो मैं भारत विरोधी हो जाउंगा और वंदे मातरम गाने से क्या सच्चा भारतीय बन जाउंगा? मंगलवार (23 अक्टूबर) को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आंबेडकर ने कहा कि जब देश में पहले से ही राष्ट्रगान मौजूद है तो देश को राष्ट्रीय गीत यानि कि वंदे मातरम की क्या आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, जन गण मन राष्ट्रगान है न कि वंदे मातरम. जब आधिकारिक राष्ट्रगान मौजूद है तो हमें किसी अन्य गान की आवश्यकता क्यों है.
राष्ट्रागान गाने वाले लोग राष्ट्रवादी!
उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान गाने वाले लोग राष्ट्रवादी कहलाते हैं, लेकिन अगर कोई वंदे मातरम नहीं गाता है तो वह गद्दार कैसे हो सकता है. उन्होंने पूछा कि वंदे मातरम न गाने वालों को देश विरोधी प्रमाण पत्र देने वाला कौन शख्स है? बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा आप इस तरह के सर्टिफिकेट्स (नेशनल-एंटी नेशनल) देने वाले कौन होते हैं. मैं उन लोगों पर एंटी-इंडिया होने का आरोप लगाता हूं जो वंदे मातरम गाते हैं.
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