प्रदोष व्रत के दिन भक्त महादेव की पूजा करते हैं. इस विशेष दिन पर शिव द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र का पाठ करने से जातक को मनचाहा करियर और सभी कार्यों में सफलता मिलती है.
सितंबर माह का आखिरी प्रदोष व्रत 29 सितंबर को पड़ रहा है. पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर को शाम 4:47 बजे होगी और इसका समापन 30 सितंबर को शाम 7:06 बजे होगा. चूंकि यह व्रत रविवार को पड़ रहा है, इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दिन भक्त महादेव की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस विशेष दिन पर शिव द्वादशज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्र का पाठ करने से जातक को मनचाहा करियर और सभी कार्यों में सफलता मिलती है. यहां पढञें पूरी शिव द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र का पाठ.