पीएम मोदी को बायन पैलेस में गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा। कुवैत सरकार और भारतीय प्रधानमंत्री के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की भी उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, यह यात्रा दोनों देशों के बीच पारंपरिक दोस्ती को और मजबूत करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कुवैत में भारतीय समुदाय की एक बड़ी संख्या है। प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा भारत और खाड़ी देशों के रिश्तों को और मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावना है।
शनिवार को कुवैत में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि जबसे वह यहां आए हैं, तबसे ही चारों तरफ एक अलग ही अपनापन, एक अलग ही गर्मजोशी महसूस कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, आप सब भारत के अलग-अलग राज्यों से आए हैं लेकिन आप सभी को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे मेरे सामने मिनी हिंदुस्तान उमड़ आया है। उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, हर क्षेत्र के अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग मेरे सामने नजर आ रहे हैं लेकिन सबके दिल में एक ही गूंज है…भारत माता की जय।
भारत-कुवैत संबंध पर पीएम मोदी बोले, भारत और कुवैत का रिश्तों सभ्यताओं का है, स्नेह का है, व्यापार कारोबार का है। भारत और कुवैत अरब सागर के दो किनारों पर बसे हैं हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ने ही नहीं बल्कि दिलों ने भी जोड़ा है, हमारा वर्तमान ही नहीं बल्कि हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है।
इससे पहले शनिवार को कुवैत सिटी स्थित होटल में पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया था।
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