आयोग के दलालों से सावधान रहिये

पीसीएस परीक्षा दे रहे प्रतियोगियों को अगर अपनी लड़ाई ईमानदारी से लड़नी है तो आयोग से बस एक ही मांग पहले पीसीएस 2016 का अंतिम परिणाम जारी करो। उसके बाद 2017 पीसीएस मुख्य परीक्षा ( लिखित ) की परीक्षा कराओ । आखिर क्यों जो 2016 में फाइनल सलेक्ट होने वाले हैं उनसे भी मेंस 2017 लिखवाना चाहता है आयोग।

 

आयोग के इस हरकत से नुकसान सिर्फ दिन रात एक कर पढ़ाई कर रहे प्रतियोगी छात्रों का ही है। आयोग को अपने इस बचकाना हरकत व तुगलकी फरमान से बाज आना चाहिए। आयोग अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव को अब इस तरह के कारनामें से बाज आकर आयोग में ईमानदारी, पारदर्शिता, व सुचिता को स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। सूत्रों की मानें तो आयोग से जुड़ा एक ब्यक्ति जो पेपर लीक गिरोह में सम्मिलित था जिसनें अपने बल पर अपना चयन समीक्षा अधिकारी पद पर भी कराया ।

जब कि इस ब्यक्ति का चयन लोअर पद के मार्केटिंग इंस्पेक्टर पद पर हुआ लेकिन आयोग के समीक्षा अधिकारी पर ही बना रहा । बताते चलें कि सीबीआई की रडार पर कोचिंग संस्थान के संचालक भी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संस्थान के माध्यम से छात्रों को आयोग की सूचनाएं देने का काम, आयोग में आने वाले निबन्ध की जानकारी आदि मिलती रही है । दलाल लगातार इस संस्थान के सम्पर्क में रहते हैं, ऐसे सूचनाएं भी मिल रहीं हैं कि इस कोचिंग संचालक के माध्यम से अनिल यादव द्वारा फैलाये भ्रष्टाचार में कितनो ने डुबकी लगाई, और टॉप ट्वेन्टी में अपनी जगह बनाई । आयोग के सचिव ने इस ब्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही भी की है , उसके बाद से ही उसने सचिव के विरुद्ध दलालों के माध्यम से छात्रों को भड़काना शुरू किया ।

जिससे सीबीआई जांच को हल्का किया जा सके और उसके प्रति लोगों को दिग्भ्रमित किया जा सके, व साथ ही जांच में सहयोग करने वाला अधिकारी बदनाम हो जाय , जिससे शासन उसे हटा दे। जिससे सीबीआई को और कोई सुराख न मिलने पाए जिससे पूर्व समय मे किये गए कारनामें पर पर्दा पड़ा रहे। इस समूह का बस यही काम है कुछ ऐसा करते रहो जिससे सीबीआई को बदनाम किया जा सके। इसीलिए ये खबर बार बार फैलाई जा रही है कि सीबीआई जांच से छात्रों का कुछ भी भला नहीं होगा बल्कि समय बर्बाद होगा ।

समय से कोई परीक्षा भी नहीं होगी बस जांच की खानापूर्ति होगी । सूत्रों के अनुसार इस समूह का सरगना अपने अन्य आकाओं के साथ मिलकर सीबीआई जांच करने वाले तेजतर्रार ईमानदार छवि के एसपी राजीव रंजन को जांच से हटाने का भी असफल प्रयास कर रहा। जबकि दूसरी तरफ ईमानदारी से अपनी तैयारी कर रहे छत्रों का समूह सीबीआई जांच से पूर्णतः संतुष्ट व खुश है व सीबीआई एसपी राजीव रंजन के तरफ आशा भरी नजरों से टकटकी लगाए हुए है कि जल्द हमें न्याय मिले व भ्रष्टाचारी जेल की सलाखों में जाएं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग हजारों की नौकरी पर खतरा मडरा रहा। जिससे इस तरह की भ्रामक खबरों को फैलाया जा रहा है फिर भी इनके इरादे सफल होते नहीं दिख रहे क्यों कि एसपी राजीव रंजन के तेवर और सख्त होते जा रहे हैं जिससे इनसभों कि बेचैनी लाजमी है।

  • राघवेन्द्र प्रताप सिंह 

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