‘ब्रांड यूपी’ का यूएन में भी बजा डंका, महिला अफसर ने दुनिया को बताया, योगी राज में कैसे बदला उत्तर प्रदेश

लखनऊ। योगी राज में उत्तर प्रदेश की ‘उत्तम प्रदेश’ बनने की यात्रा न केवल सुखद आश्चर्य बनकर विश्व की चर्चाओं के केन्द्र में है, बल्कि दुनिया के देशों के लिए रोलमॉडल बनकर उन्नति व प्रगति के मार्ग प्रशस्त कर रही है। पिछले 8 वर्षों में पीएम मोदी की ‘रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म’ नीति को धरातल पर उतारने का सबसे सशक्त प्रमाण बनकर उभरा उत्तर प्रदेश सीएम योगी के कुशल क्रियान्वयन में उत्तम नीतियों, नवाचार क्रांति, एआई व भविष्य आधारित तकनीक के इस्तेमाल से सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने वाला देश का अग्रणी राज्य बन गया है। यही कारण है कि न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के स्थायी मिशन द्वारा विश्व के सामने भारत की ‘ग्राउंडब्रेकिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ का खाका पेश किया गया जिसमें भारत के राज्यों में से केवल यूपी को वरीयता मिली। यहां ‘ब्रांड यूपी’ को प्रमोट करने के साथ आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की विशेष सचिव नेहा जैन ने ‘उत्तर प्रदेश: डिजिटल व समावेशी विकास में ग्लोबल साउथ का भागीदार’ विषय पर 27 से अधिक देशों की उपस्थिति में योगी सरकार का पक्ष रखा।
उन्होंने आयोजन में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और छोटे द्वीपीय देशों में एआई व अन्य तकनीकों के इस्तेमाल से गवर्नेंस समेत विभिन्न पहलुओं में पारदर्शिता बढ़ाने को लेकर यूपी की सहभागिता और प्रतिनिधित्व का खाका पेश किया। साथ ही, दिग्गज वैश्विक संस्थाओं के सामने उत्तर प्रदेश को ‘मोस्ट फेवर्ड डेस्टिनेशन’ के तौर पर प्रोजेक्ट करते हुए प्रदेश में नए अवसरों पर मिलकर कार्य करने का आमंत्रण भी दिया।

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, ओडीओपी समेत 5 प्रमुख विषयों पर रहा फोकस

यूएन में भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित एक दिनी कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों को उल्लेखित करते हुए ओडीओपी, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में आईटी कोलैबरेशन, इलेक्टॉनिक मैनुफैक्चरिंग व सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम, इनोवेशन रिसर्च व डेवलपमेंट में पार्टनरशिप, एक्सेस-लॉजिस्ट्रिक्स व निवेश गंतव्य के उत्तर प्रदेश की सफलताओं पर फोकस किया। इसके साथ ही, इन विषयों में उत्तर प्रदेश के मॉडल से ली जा सकने वाली सीख तथा भविष्य आधारित तकनीक व नवाचार के क्षेत्र में मिलकर काम करने जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान, सबसे ज्यादा एयरपोर्ट्स व हाइवे वाले प्रदेश, वर्ष 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने वाले प्रदेश, बड़े आईटी हब, इंजीनियर्स वर्कफोर्स, 350 से अधिक कार्यरत आईटी व आईटीईएस कंपनियों के गढ़, देश के 60 प्रतिशत मोबाइल कॉम्पोनेंट्स के निर्माता तथा एशिया के निर्माणाधीन सबसे बड़े एयरपोर्ट के तौर पर उत्तर प्रदेश की मजबूत स्थिति को दर्शाया गया।

विभिन्न सेक्टर्स में साथ मिलकर काम करने के लिए किया आमंत्रित

* कार्यक्रम में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, छोटे द्वीपीय देशों व अन्य पिछड़े देशों में एआई व नवाचारी तकनीकों के प्रयोग से लोगों के जीवन में सुधार पर फोकस किया गया।
* उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की विशेष सचिव नेहा जैन विभिन्न सेक्टर्स में मिलकर कार्य करने के लिए केन्या, वियतनाम, रवांडा, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, ब्राजील, इजिप्ट, साउथ अफ्रीका, घाना, श्रीलंका, मलेशिया, कोलंबिया, पेरू, कंबोडिया तथा ग्लोबल साउथ को आमंत्रित भी किया गया।
* कार्यक्रम में वनातू, चिली, कोटे डी वॉयर, ज़िम्बाब्वे, इथियोपिया, नामिबिया, सेनेगल, रवांडा, इक्वाडोर, बुर्किना फासो, तिमोर लेस्ते, तजाकिस्तान, युगांडा, साइप्रस, नाउरू, माइक्रोनेशिया, मोज़ाम्बिक, कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, फ़िजी, कांगो, उरुग्वे, माइक्रोनेशिया, पराग्वे, उज़्बेकिस्तान, कोलंबिया व बुल्गारिया जैसे 27 से अधिक देशों ने प्रतिभाग किया।
* वहीं, कार्यक्रम में यूएन स्थित भारत के स्थायी मिशन के अधिकारियों समेत पैनलिस्ट्स में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (भारत सरकार) के निदेशक वगीश तिवारी, भास्कराचार्य अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भूसूचना विज्ञान संस्थान के एडिशनल डायरेक्टर जनरल विनय ठाकुर, ट्रिगिन टेक लिमिटेड के सीईओ दिलीप हनुमारा, प्रोटिएन ई-गोव टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सीईओ सुरेश सेठी, डेलॉयट के गवर्नमेंट कंसल्टिंग लीडर एनएसएन मूर्ति प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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