अटारी, 29 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करते हुए भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश लौटने का आदेश दे दिया। केंद्र सरकार के इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी कड़ी में पाकिस्तान जा रहे कई पाकिस्तानी नागरिकों ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत की।
पाकिस्तानी नागरिक किशन कुमार अहमदाबाद में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे। अब हैदराबाद, पाकिस्तान लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह 45 दिन के पर्यटक वीजा पर भारत आए थे। सीमा बंद करने के फैसले पर किशन ने कहा कि यह ठीक नहीं है, क्योंकि दोनों देशों में उनके रिश्तेदार हैं। आना-जाना बंद होने से परिवार बिखर सकते हैं।
उन्होंने आतंकवादियों को कड़ी सजा देने की वकालत की, लेकिन निर्दोष लोगों को परेशान न करने की बात कही। किशन ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें पाकिस्तान में किसी परेशानी का डर नहीं है।
पाकिस्तानी महिला इरम दिल्ली में अपनी ससुराल आई थीं और अब कराची लौट रही हैं। उनकी शादी को दस साल हो चुके हैं और उनका पति और बेटा भारतीय हैं।
इरम ने बताया कि उन्होंने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन कोविड के कारण ओवरस्टे होने से उनका वीजा रद्द हो गया।
उन्होंने दोबारा आवेदन किया, लेकिन अब उन्हें वापस जाने का आदेश मिला है। इरम ने पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना को बिल्कुल गलत बताया और कहा कि आतंकवादियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों को परेशान करना ठीक नहीं।
उन्होंने अपने नौ साल के बेटे के भविष्य की चिंता जताई, जो भारत का नागरिक है। इरम ने कहा कि मां का बच्चों की परवरिश में अहम रोल होता है, और ऐसे फैसलों से बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
पाकिस्तानी नागरिक शाहबाज अपनी पत्नी को दिल्ली छोड़ने आए थे। उन्होंने भी अपनी पीड़ा साझा की। उनकी पत्नी के लिए लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन पहलगाम आतंकी घटना के बाद उन्हें वापस लौटने का आदेश मिला।
शाहबाज ने इस घटना को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि आतंकवादियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि कोई दोबारा ऐसी हरकत न करे। हालांकि, उन्होंने निर्दोष परिवारों को सजा देने को गलत ठहराया।